हिमाचल प्रदेश

पांच अगस्त को सचिवालय का घेराव करेंगे सेब बागबान, तैयारियां पूरी, मांगे न मानने तक जारी रहेगा संघर्ष

Renuka Sahu
1 Aug 2022 2:30 AM GMT
Apple orchards will besiege the secretariat on August 5, preparations complete, struggle will continue till demands are not accepted
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फाइल फोटो 

एचपीएमसी व हिमफैड के अलावा बाजार से कार्टन खरीदने पर जीएसटी में छह फीसदी की छूट के बावजूद बागबानों का आंदोलन जारी रहेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एचपीएमसी व हिमफैड के अलावा बाजार से कार्टन खरीदने पर जीएसटी में छह फीसदी की छूट के बावजूद बागबानों का आंदोलन जारी रहेगा। पांच अगस्त को बागबान सचिवालय का घेराव भी करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के सह-संयोजक और फल सब्जी एवं फूल उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष हरीश चौहान का कहना है कि सरकार ने बागबानों को लेकर जो घोषणाएं की हैं, संयुक्त किसान मोर्चा उनकी सराहना करता हैं, लेकिन सरकार ने 20 सूत्रीय मांगों मेेंं सिर्फ चार मांगों पर ही फैसला किया है, जबकि बाकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। हरीश चौहान का कहना है कि बागबानों की 15 मुख्य मांगों में कश्मीर की तर्ज पर ए, बी और सी ग्रेड के सेब के लिए एमएसपी का प्रावधान करना और ईरान से आयात होने वाले सेब पर आयात शुल्क बढ़ाना मुख्य है। हिमाचल की 4500 करोड़ रुपए की एपल इंडस्ट्री पर ईरान व तुर्की समेत 44 देशों का सेब संकट बनकर मंडरा रहा है।

खासकर ईरान और तुर्की से थोक में आयात ने सेब बागबानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि ईरान पर अमरीका के बाद अब रशिया ने भी प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद ईरान से भारत के लिए सेब का आयात बढ़ गया है। यही वजह है कि चार-पांच महीनों से हिमाचली सेब को खरीदार नहीं मिल रहे हैं। हरीश चौहान का कहना है कि बागबानों को सीए स्टोर का सेब घाटा उठाकर बेचना पड़ा है। हरीश चौहान ने बताया संयुक्त किसान मोर्चा हिमाचल के सेब के लिए जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर ए ग्रेड सेब के 60, बी ग्रेड के 40 और सी ग्रेड के 25 रुपए प्रति किलोग्राम एमएसपी मांग रहा है। केंद्र सरकार ने विशेष दर्जा देते हुए कश्मीर के सेब को एमएसपी दिया है और यह योजना वर्ष 2019 से लागू है। वहां के बागबानों को भी सेब का एमएसपी ए, बी और सी ग्रेड के हिसाब से 60, 40 और 25 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से दिया जा रहा है। कश्मीर की तर्ज पर हिमाचल में ए,बी और सी ग्रेड के सेब के लिए एमएसपी की व्यवस्था की जाए।
सरकार की घोषणाएं जमीनी स्तर पर लागू नहीं
संयुक्त किसान मोर्चा के सह संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि सरकार की घोषणाएं अभी जमीनीस्तर पर लागू नहीं हुई है। सरकार ने सिर्फ चार से पांच मांगों को पूरा किया हैं, जबकि 15 मांगों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। बागबान पांच अगस्त को सचिवालय का घेराव करेंगे। अगर इससे पहले सरकार फैसला लेती हैं, तो यह घेराव जश्न में तबदील हो जाएगा।
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