हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नशे के खिलाफ कसा शिकंजा, नशीली दवाओं के तस्करों पर पुलिस की पैनी नजर

Renuka Sahu
17 Aug 2022 4:08 AM GMT
Anti Narcotics Task Force tightens the noose against drugs in Himachal Pradesh Police keep a close eye on drug smugglers
x

फाइल फोटो 

हिमाचल प्रदेश की नवगठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नशे के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश की नवगठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने नशे के खिलाफ अभियान तेज कर दिया है। वर्तमान में यह रजिस्टर संख्या 29 के माध्यम से राज्य में लगभग 1800 ड्रग ट्रैफिकिंग ऑपरेटरों (डीटीओ) की गतिविधियों की कड़ी निगरानी कर रहा है। इनके अलावा नया लांच किया गया निदान पोर्टल डीटीओ नेटवर्क की निगरानी की सीमा का विस्तार करने में मदद करेगा। टास्क फोर्स एडीजीपी सीआइडी एसपी सिंह की अध्यक्षता में गठित हुई है।

उन्होंने कहा कि यह नशे पर चौतरफा चोट कर रही है। टास्क फोर्स ने दवा निरीक्षकों के साथ कुछ दवा निर्माण इकाइयों, थोक विक्रेताओं और कैमिस्ट की दुकानों पर संयुक्त छापामारी भी की है। उन ईकाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है, जहां ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करते पाए गए। ऐसी 42 से अधिक ईकाइयों का गहन निरीक्षण किया गया है और आरोपी इकाइयों को दस से अधिक नोटिस जारी किए हैं। इनमें एक मामले में लाइसेंस के निलंबन की सिफारिश की गई है। ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कुछ इकाइयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई है।
नश के सौदागरों पर ईडी की कारवाई
हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा प्रमुख मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में एनडीएंडपीएस अधिनियम के तहत वित्तीय जांच भी की जा रही है। इस संबंध में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय के साथ जानकारी साझा की गई है। पिछले दो वर्षों में 22 मामलों में 12.5 करोड़ रुपए से अधिक की राशि को जब्त / फ्रीज करने के आदेश जारी किए गए हैं।
100 से अधिक मामलों में आरोप साबित
राज्य पुलिस का दावा है कि वह एक मजबूत परीक्षण प्रबंधन तंत्र लागू कर रही है। इसके तहत एनडी एंड पीएस मामलों में त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए हर सप्ताह पुलिस अधिकारियों और अदालतों में स्वतंत्र गवाहों द्वारा बयान की समीक्षा की जा रही है। इस तंत्र के तहत मार्च, 2021 से अभी तक लगभग 7000 पुलिस अधिकारियों और लगभग 1600 निजी गवाहों ने अदालतों के समक्ष गवाही दी है। इसके परिणामस्वरूप एनडी एंड पीएस अधिनियम के 100 से अधिक मामलों के तहत आरोपियों का दोष सिद्ध हुआ है।
Next Story