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कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर परवाणू से सोलन तक फोरलेन निर्माता कंपनी ने इसका ट्रायल किया था, जो दो साल बाद सफल रहा है। अब इस क्षेत्र की पहाड़ियों से भूस्खलन कम हो रहा है। जहां बीज डाले गए थे, वहां बड़े-बड़े झाड़ उग आए हैं।
पहाड़ों का भू कटाव रोकने के लिए अंज, मुंज और एलोफन घास के रोपे गए बीज कारगर साबित हुए हैं। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर परवाणू से सोलन तक फोरलेन निर्माता कंपनी ने इसका ट्रायल किया था, जो दो साल बाद सफल रहा है। अब इस क्षेत्र की पहाड़ियों से भूस्खलन कम हो रहा है। जहां बीज डाले गए थे, वहां बड़े-बड़े झाड़ उग आए हैं। अब प्रदेश की अन्य जगहों पर पहाड़ों पर भूस्खलन रोकने के लिए ऐसी ही विशेष घास के बीज रोप जाएंगे। वर्ष 2020 में पहाड़ों को दरकने से रोकने के लिए परवाणू-सोलन फोरलेन पर जियोलॉजिकल टीम ने दौरा किया था। टीम ने अंज, मुंज और एलोफन घास के बीज पहाड़ों में डालने की सलाह फोरलेन निर्माता कंपनी को दी थी।
इस सलाह पर फोरलेन निर्माण कर रही जीआर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने देहरादून से अक्तूबर 2020 में 20,000 बीज लिए थे। इन बीजों को ट्रायल के तौर पर उन जगहों पर गिराया गया, जहां ज्यादा भूस्खलन हो रहा था। बारिश के बाद बीज से पौधे बनने शुरू हुए और 2021 की बरसात में यहां बड़े-बड़े झाड़ उग आए। इससे इस बरसात में इन जगहों में पहाड़ों से भूस्खलन नहीं हुआ। इसके बाद इसकी रिपोर्ट भी कंपनी ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंपी है।
अब फोरलेन निर्माता कंपनी इन बीजों को अन्य जगहों पर डालने की तैयारी में है। इसी के साथ दूसरे चरण में भी परवाणू से सोलन तक कई जगहों पर इन बीजों को डालने के लिए जगह चिह्नित की जा रही है। करीब दो दर्जन जगहों पर यह बीज डाले जाएंगे। प्रदेश के अन्य जिलों में भी सर्वे किया जाएगा। यदि वहां का वातावरण अनुकूल पाया जाता है तो कई जगह बीज डाले जा सकते हैं।
रामबाण की पौध भी रोपी
हिमाचल में उगने वाला रामबाण पौधा भी भूस्खलन रोकने में सफल है। कंपनी ने कई जगहों पर रामबाण की पौध भी पहाड़ों पर लगाई है। इससे भी कई जगहों पर पहाड़ों से मिट्टी नहीं खिसकी है। इसकी खासियत यह है कि ये जितना जमीन से ऊपर निकलता है, इसकी जड़ें उससे दोगुना जमीन के भीतर फैलती हैं। अंज और मुंज के बीज पौधे का रूप लेकर डिवाइडर पर भी काम आए हैं। इन पौधों को डिवाइडर पर लगाने से घने पौधे होने के बाद एकतरफ से लाइट दूसरी ओर नहीं पड़ती है।
पत्थर बन रहे खतरा
इस बरसात में नेशनल हाईवे पर कुछ जगहों पर पहाड़ों से गिर रहे पत्थर खतरा बन रहे हैं। ये बीज मिट्टी को दरकने से तो रोक सकते हैं, लेकिन पत्थरों को नहीं।
फोरलेन बनाने के लिए पहाड़ काटे गए थे। इसके बाद बरसात में मिट्टी सड़क पर आती थी। इसे रोकने के लिए अंज, मुंज और एलोफन घास के बीजों के अलावा रामबाण की पौध लगाई गई थी। इसमें सफलता मिली है और उन जगहों पर मिट्टी नहीं खिसकी है