हिमाचल प्रदेश

पशुपालन मंत्री बोले, लंपी से पशु की मौत पर मिलेगा मुआवजा, महामारी घोषित करने के लिए केंद्र को भेजा प्रस्ताव

Renuka Sahu
22 Sep 2022 5:20 AM GMT
Animal Husbandry Minister said, compensation will be given on the death of animal due to lumpi, proposal sent to center to declare epidemic
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस से 4802 से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी हैं, लेकिन प्रदेश के किसी भी पशुपालक को अब तक मुआवजा नहीं मिला हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस से 4802 से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी हैं, लेकिन प्रदेश के किसी भी पशुपालक को अब तक मुआवजा नहीं मिला हैं। शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान बुधवार को जब पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर से यह सवाल उठाया गया तो उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा में शामिल किया हैं। इसकी रिपोर्ट पटवारी तहसीलदार को जाएगी। इसके बाद इसका मुआवजा दिया जाएगा। हिमाचल सरकार ने 30,000 रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की हैं, तो मुआवजा जरूर दिया जाएगा। पशुओं में फैले लंपी रोग पर सवाल खड़े करने वाले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कड़ा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इनसानों की मौत के बाद अब मुकेश अग्निहोत्री पशुओं की मौत पर भी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 में जब पूरी दुनिया में कोरोना महामारी फैली थी तब भी कांग्रेस ने राजनीति ही की।

सवा दो लाख पशुओं का टीकाकरण
अब तक 2 लाख 26 हजार 351 पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। राज्य में 24 लाख 638 संवेदलशील पशुओं की संख्या हैं। इनमें लंपी से प्रभावित पशुओं की संख्या 83 हजार 790 हैं। अब तक 41 हजार 776 पशुधन को बचाया गया। लंपी वायरस से चार हजार 567 पशुओं की मौत हुई है। वर्तमान में 37447 पशु बीमार हैं। हिमाचल में पशु संक्रमण दर दस से 20 प्रतिशत हैं और मृत्यु दर एक से पांच प्रतिशत तक हैं।
किसानों को कोई खर्चा नहीं देना होगा
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कवंर ने कहा कि लंपी वायरस से पीडि़त पशुओं के इलाज के लिए किसानों को कोई भी खर्चा नहीं देना होगा। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों के मुकाबले हिमाचल में पशुधन को अधिक नुकसान नहीं हुआ है। प्रदेश के किन्नौर, लाहुल-स्पीति और कुल्लू जिला में लंपी का कोई मामला नहीं हैं।
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