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आनंद शर्मा ने संचालन समिति के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है। हालांकि, वे प्रदेश में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने रविवार को पार्टी की संचालन समिति की अध्यक्षता से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा था। हिमाचल विस चुनावों के लिए अहम फैसलों में उन्हें तवज्जो नहीं दी गई।
जी-23 नेताओं में शामिल रहे नेता गुलाम नबी आजाद के जम्मू-कश्मीर में अभियान समिति के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद अब आनंद शर्मा ने इस्तीफा दिया है। आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि परामर्श प्रक्रिया में उनकी अनदेखी की गई है। हालांकि, वे प्रदेश में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार करना जारी रखेंगे। आनंद शर्मा अप्रैल 2022 में स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे।
गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा जी-23 समूह के प्रमुख नेता हैं जो पार्टी नेतृत्व के फैसलों के आलोचक रहे हैं। भूपिंदर सिंह हुड्डा और मनीष तिवारी सहित प्रमुख दिग्गजों का समूह ब्लॉक से लेकर सीडब्ल्यूसी स्तर तक वास्तविक चुनावों पर जोर देता रहा है।
आनंद शर्मा को हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े नेताओं में से एक माना जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंची है क्योंकि उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक के लिए परामर्श या आमंत्रित नहीं किया गया है।
कांग्रेस इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिमाचल प्रदेश में भाजपा से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। आनंद शर्मा ने पहली बार 1982 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया गया था। वे पार्टी में कई प्रमुख पदों पर रहे हैं।