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भाषा-संस्कृति बचाने के साथ धार्मिक नेता चुनने में भी साथ, तिब्बत के समर्थन में अमरीका
न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमरीका व उनके राष्ट्रपति जो बाइडन का तिब्बत की भाषा-संस्कृति बचाने संग धार्मिक नेता चुनने का भी समर्थन करने की बड़ी बात सामने आई है। अमरीकी सीनेटर जोन ओसोफ ने दलाईलामा से बौद्ध नगरी मकलोडगंज में भेंट की है। मकलोडगंज में तिब्बती धर्मगुरु संग निर्वासित तिब्बत सरकार से तिब्बत के विभिन्न मसलों पर भी चर्चा हुई है। ऐसे में एक बार फिर से चीन भडक़ सकता है। चीन की ओर से तिब्बत पर आधिपत्य और धार्मिक नेता दलाईलामा को भी मान्यता देने से सिरे से इनकार करते रहे हैं। वहीं इस बात पर अमरीका का तिब्बत व निर्वासित तिब्बत सरकार का समर्थन मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच सकती है। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के डेढ़ माह बाद लद्दाख दौरे से मकलोडगंज लौटने के बाद उनके साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। अमरीकी सेनेटर जोन ओसोफ ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला-मकलोडगंज में चल रही निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर तिब्बत के विषय पर वार्ता की। जोन इन दिनों आठ दिन के भारत दौरे पर हैं।