हिमाचल प्रदेश

लश्कर-ए-तैयबा से सांठगांठ का आरोप, IPS अधिकारी पर कसा शिकंजा

jantaserishta.com
6 May 2022 10:00 AM GMT
लश्कर-ए-तैयबा से सांठगांठ का आरोप, IPS अधिकारी पर कसा शिकंजा
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नई दिल्ली: लश्कर-ए-तैयबा को खुफ़िया जानकारी लीक करने के मामले में IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी पर शिकंजा कर सकता है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) अगले सप्ताह उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर सकती है. बता दें कि इस केस की जांच के दौरान NIA को पाकिस्तान के साथ कनेक्शन के सबूत मिले थे.

आतंकी संगठन को खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में NIA में काम कर चुके IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी समेत 9 लोगों पर चार्जशीट दाखिल की जाएगी. 9 आरोपियों में से नाम पाकिस्तानी हैदर अली का भी है. सूत्रों के मुताबिक NIA में काम कर चुके एडी नेगी, खुर्रम परवेज, मुनीर अहमद, अरशद अहमद टोंक, ज़फर अब्बास, रामभान प्रसाद, चंदन महतो, हैदर उर्फ अली, गुप्ता ब्रदर्स पर चार्जशीट फाइल करने की अनुमति गृह मंत्रालय से मांग गई थी.
NIA को अपनी इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि IPS अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी ने कश्मीर घाटी में जिस ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) परवेज खुर्रम के घर पहली बार रेड की थी, उसी को आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज पैसों के एवज़ में सौंप दिए थे. आरोपी अधिकारी टेलीग्राम चैट के जरिये पैसों के लेन-देन की बात करता था. जांच मे ये बात सामने आई थी कि नेगी के पास 10 से ज़्यादा मोबाइल नंबर थे, जिससे वो डीलिंग करता था.
लश्कर-ए-तैयबा को खुफिया जानकारी लीक करने के मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने हिमाचल प्रदेश काडर के आईपीएस अधिकारी (IPS officer) अरविंद दिग्विजय नेगी (Arvind Digvijay Negi) को गिरफ्तार किया था.
11 साल तीन महीने NIA में प्रतिनियुक्ति (Deputation) में रहने के बाद नेगी को उनके काडर में वापस भेज दिया गया था. नेगी NIA में सबसे लंबा कार्यकाल पूरा करने वाले अधिकारियों में शामिल थे. भारतीय खुफिया एजेंसियों के खुफिया दस्तावेज लीक होने की जानकारी देने के बाद नवंबर में NIA ने हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में उनके आवास पर छापेमारी की थी. इस मामले में NIA ने 6 नवंबर 2021 को केस दर्ज किया था.
अरविंद दिग्विजय नेगी NIA की उस टीम का हिस्सा थे, जो फेक करेंसी (Fake Currency), आईएसआईएस (ISIS) के आतंकियों की भर्ती और जम्मू-कश्मीर में टेरर फंडिंग के लिए नियंत्रण रेखा (LOC) की दूसरी ओर व्यापार के संबंधित मामलों की जांच करती थी.
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