हिमाचल प्रदेश

30 लाख के गबन का आरोप, विभागीय जांच पर दर्ज याचिका खारिज, प्रार्थी ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

Gulabi Jagat
22 March 2023 9:26 AM GMT
30 लाख के गबन का आरोप, विभागीय जांच पर दर्ज याचिका खारिज, प्रार्थी ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती
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शिमला: प्रदेश हाई कोर्ट ने विभागीय कार्रवाई में अपील का वैकल्पिक और प्रभावी प्रावधान होने के बावजूद मेमोरेंडम और जांच रिपोर्ट को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। न्यायाधीश तरलोक सिंह और न्यायाधीश विरेंदर सिंह की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता सुरिंद्र कुमार शर्मा की याचिका को खारिज करते हुए उसे 17 अप्रैल तक अपनी सेवा से बर्खास्तगी की सजा और जांच रिपोर्ट को अपील के माध्यम से चुनौती देने की छूट दी है। प्रार्थी की ओर से दलील दी गई थी की उसके खिलाफ की गई विभागीय कार्रवाई में प्राकृतिक न्याय जैसे आधारभूत सिद्धांतों का पालन नहीं किया इसलिए मौलिक अधिकारों के हनन पर वह विभागीय जांच को रिट याचिका के माध्यम से चुनौती दे सकता है। कोर्ट ने प्रार्थी के इस आरोप की सत्यता जांचने के लिए विभागीय कार्रवाई का पूरा रिकार्ड तलब किया और पाया कि एचआरटीसी ने विभागीय कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सभी मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया है।
इस कारण कोर्ट ने प्रार्थी की याचिका को खारिज करते हुए उसे विभागीय अपील दायर करने की छूट दी और अथॉरिटी को आदेश दिए कि यदि प्रार्थी 17 अप्रैल तक अपील करता है, तो देरी से अपील दायर करने के आधार पर उसकी अपील को खारिज न किया जाए। मामले के अनुसार प्रार्थी पर एचआरटीसी के चंबा यूनिट में 30 लाख रुपए से अधिक के फंड गबन और दुरुपयोग के आरोप के चलते चार्जशीट किया गया था और जांच के बाद उसे विभागीय कार्रवाई में दोषी पाते हुए सेवा से बर्खास्त करने की सजा दी गई थी।
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