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![सभी सडक़ें सेब के पीक सीजन से पहले होंगी बहाल सभी सडक़ें सेब के पीक सीजन से पहले होंगी बहाल](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/08/05/3265169-download-2023-08-05t181809722.webp)
शिमला: उद्योग, आयुष एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शुक्रवार को बचत भवन में जिला राहत एवं पुनर्वास समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उनके साथ शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि इस बैठक में शिक्षा मंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री की उपस्थिति में रोहडू, चौपाल तथा शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्रों के विधायकों के सुझावों के साथ-साथ जिला के समस्त उपमंडल अधिकारियों तथा विभागीय अधिकारियों द्वारा भारी बरसात के कारण हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट बैठक में रखी गई और अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावितों को दी गई राहत एवं पुनर्वास पर भी विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में बरसात के कारण लगभग 700 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि इस आपदा के दौरान समस्त विभागीय अधिकारी सरकार के दिशा निर्देशानुसार रात-दिन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला के ऊपरी क्षेत्रों में सेब की फसल लगभग तैयार है और सेब मंडियों में आना शुरू हो गया है।
अगले एक-दो हफ्तों के भीतर सेब सीजन चरम सीमा पर होगा, इसके दृष्टिगत बागबानों की सेब की फसल समय पर मंडियों तक पहुंचे, इसके लिए सडक़ों को शीघ्र बहाल करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों मे कार्यों को और तीव्रता प्रदान के लिए और सेब के पीक सीजन से पहले स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सभी सडक़ों को बहाल करने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा बिजली व पेयजल की सुचारू सुविधा को बहाल करना भी सरकार की जिम्मेदारी है। उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को भारी बरसात से हुए आंशिक क्षति को भी रिपोर्ट करने के निर्देश दिए, ताकि प्रभावितों को राहत प्रदान की जा सके। उन्होंने अधिकारियों को 7 से 15 जुलाई 2023 तक हुए नुकसान के लिए मुआवजा जारी करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को राहत मिल सके। उन्होंने जल शक्ति विभाग को बारिश के मौसम में जल जनित रोगों का विशेष ध्यान रखने और एहतियात बरतने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने पानी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होंने लोक निर्माण विभाग को बंद पड़ी सडक़ों को प्राथमिकता के आधार पर खोलने के निर्देश दिए। बैठक में उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने उद्योग मंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, उन्हें जिला में भारी बरसात से हुए नुकसान के बारे में अवगत करवाया। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कानून एवं व्यवस्था ज्योति राणा ने जिला में हुए नुकसान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। बैठक में बताया गया कि नौ जुलाई, 2023 को जिला शिमला में सर्वाधिक 185 एमएम बारिश दर्ज की गई और जिला में 24 जून से लेकर अभी तक 45 लोगों की मृत्यु भू-स्खलन, बाढ़ और भारी बारिश की वजह से हुई जिसमें नौ जुलाई से लेकर 12 जुलाई तक विभिन्न स्थानों पर भू-स्खलन से 20 लोगों की जान गई है। जिला में भारी बरसात से 146 पक्के मकान तथा 90 कच्चे मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि 2462 पक्के मकान और 1426 कच्चे मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त जिला में 626 गोशाला व 13 दुकाने व 102 लेबर शेड भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। बैठक में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा, विधायक चौपाल बलवीर वर्मा, विधायक शिमला शहरी हरीश जनारथा, आयुक्त नगर निगम शिमला भूपेंद्र अत्रि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
15 अगस्त तक आधार कार्ड से जोड़ें राशन कार्ड
शिमला। जिला नियंत्रक, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले पूर्ण चंद ने बताया कि जिला में ई केवाईसी के अंतर्गत राशन कार्डों को आधार से जोड़ा जा रहा है, ताकि समस्त पात्र लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ प्रदान किया जा सके। जिला शिमला के शेष उपभोक्ता अपनी ई केवाईसी 15 अगस्त, से पूर्व नजदीक उचित मूल्य की दुकान में कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी उपभोक्ताओं को अपनी ई केवाईसी करवाना अनिवार्य है। जो उपभोक्ता पढ़ाई एवं रोजगार इत्यादि के कारण अपने घर या गांव से दूर है वह प्रदेश में अपने नजदीकी स्थान पर स्थित उचित मूल्य की दुकान पर या घर वापसी पर अपनी उचित मूल्य की दुकान पर ई केवाईसी करवाना सुनिश्चित करें।