हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में अलर्ट : कुछ राज्यों में बच्चों को नहीं लगा खसरे का टीका बड़ी लापरवाही

Tara Tandi
21 March 2024 6:11 AM GMT
हिमाचल में अलर्ट : कुछ राज्यों में बच्चों को नहीं लगा खसरे का टीका बड़ी लापरवाही
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हिमाचल : देश समेत प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान बड़ी लापरवाही देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि कुछ राज्यों में बच्चों को खसरे के टीके नहीं लगाए हैं। इस कारण बाहरी राज्यों में बच्चों में खसरे से संबंधित लक्षण देखे जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रकार की लापरवाही हुई है। इसका अब पता चल रहा है। जब बाहरी राज्यों के अस्पतालों में खसरे से संबंधित लक्षण लेकर बच्चे पहुंच रहे हैं। हालांकि अभी प्रदेश में इस प्रकार का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है।
वहीं बीते वर्ष मिशन इंद्रधनुष में भी ऐसे बच्चों को कवर किया गया है। जिन्हें पहले खसरे का टीका नहीं लगा था। वर्तमान में भी स्वास्थ्य विभाग इस प्रकार की जानकारी अभिभावकों से ले रहा है। आग्रह भी किया जा रहा है कि जिन बच्चों को एमआर यानी मिजल्स और रुबेला वैक्सीन नहीं लगाई है, वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर वैक्सीन लगा लें।
कोरोना महामारी के दौरान अभिभावक बच्चों को लेकर अस्पताल का कम रुख कर रहे थे। ऐसे में कई नवजात बच्चे खसरे के टीके से छूट गए। बीते वर्ष भी बाहरी राज्यों में खसरे जैसे लक्षण के मामले आए थे। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी महकमे को अलर्ट किया था और इस प्रकार की जानकारी लेने के लिए कहा था। इसके बाद विभागों की ओर से मिशन इंद्रधनुष के तहत भी बच्चों का टीका करण किया था।
खसरे के लक्षण, क्यों जरूरी है वैक्सीन
तेज बुखार (104 डिग्री से अधिक तक बढ़ सकता है, खांसी, बहती नाक, लाल, पानी भरी आंखें। टीका खसरे की रोकथाम में बहुत प्रभावी है। पहली खुराक के बाद नौ माह से अधिक की उम्र के 85 फीसदी बच्चे और 12 माह से अधिक की उम्र वाले 95 फीसदी बच्चे प्रतिरक्षित हो जाते हैं। पहला टीका नौ माह पर लगता है। दूसरा टीका 12-18 माह के बीच में लगाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग पांच साल के बच्चों को भी कवर कर लेता है।
खसरे का कोई भी मामला अस्पतालों में अभी तक नहीं आया है। विभाग की ओर से बच्चों का टीकाकरण किया गया है। अगर फिर भी कोई बच्चा इससे वंचित है तो अभिभावक नजदीकी अस्पताल में जाकर टीकाकरण करवा सकते हैं
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