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शिमला: हिमाचल की स्पीति घाटी में चीन के बॉर्डर पर भारत सरकार हवाई पट्टी का निर्माण करेगी। राज्य सरकार की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी स्पीति घाटी के रंगरीक में एयर स्ट्रिप बनाने की संभावनाओं को देखने के लिए हिमाचल आएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इसकी पुष्टि की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू तीन अगस्त, 2023 को दिल्ली दौरे के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। बॉर्डर एरिया में इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की केंद्र सरकार की पॉलिसी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे दो मामले उठाए थे। एक तो स्पीति घाटी के रंगरीक में हवाई पट्टी बनाने की मांग की और दूसरा किन्नौर जिला के पोवारी स्थित आयुद्ध डिपो को शिफ्ट करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री को बताया था कि स्पीति घाटी के रंगरीक में सामरिक दृष्टि से हवाई पट्टी के निर्माण बेहद जरूरी है। यह स्थान उत्तरी सीमा से 50 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित है और स्पीति घाटी के लिए नेशनल हाईवे-505 के अलावा अन्य कोई संपर्क साधन नहीं है।
गौरतलब है कि हिमाचल चीन के साथ 240 किलोमीटर लंबा बॉर्डर शेयर करता है। इसमें 80 किलोमीटर बॉर्डर लाहुल स्पीति और 160 किलोमीटर बॉर्डर किन्नौर जिला में है। वर्तमान में देश में सबसे ऊंचाई पर स्थित एयरपोर्ट लेह का है, जो समुद्र तल से 3245 मीटर ऊंचाई पर है। यदि स्पीति के रंगरीक में हवाई पट्टी बनाई जाती है, तो इसकी ऊंचाई 4200 से 4400 मीटर के बीच आएगी। चीन के बॉर्डर पर हवाई पट्टी से सेना को भी मदद मिलेगी और बॉर्डर के उस पार तैयार किए जा रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी काउंटर किया जा सकेगा। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि रक्षा मंत्रालय की टीम ने हिमाचल के दौरे पर आना था, लेकिन खराब मौसम के कारण दौरा स्थगित करना पड़ा। इसी महीने के आखिर में यह टीम अब स्पीति घाटी के दौरे पर आ सकती है। यह एक्सपर्ट कमेटी इस हवाई पट्टी के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट भारत सरकार को देगी।