हिमाचल प्रदेश

एसडीएम के साथ बैठक में आढ़तियों-आपरेटरों ने जताई सहमति

Shreya
12 Aug 2023 6:22 AM GMT
एसडीएम के साथ बैठक में आढ़तियों-आपरेटरों ने जताई सहमति
x

रोहडू: प्रदेश की आर्थिकी में करीब पांच हजार करोड़ का सहयोग देने वाली सेब बागबानी को सरकार ने इसके प्रदेश की विभिन्न सेब मंडियों विपणन के लिए किलो के हिसाब से बेचने, प्रति पेटी का वजन अधिकतम 24 किलो के साथ मालभाड़े की दरों को भी प्रति क्विंटल प्रति किलोमीटर की हिसाब से तय किया गया है। रोहडू में स्थानीय प्रशासन की मुहिम बल पर सरकार के नियमों की पालना से सरकार का उद्देश्य काफी हद तक सफल भी हो रहा है। वहीं, देखने में आया है कि सेब की पैंकिग, इसके बेचने के तरीकों, निर्धारित मालभाड़े के नियमों की पालना करने में विभिन्न एंजेसियों खासकर मालभाड़े को प्रति क्विंटल के हिसाब से लागू करने की शिकायतों के चलते दिक्कतें पेश आ रही हैं। इसको देखते हुए एसडीएम रोहडू सन्नी शर्मा की अध्यक्षता में एसडीएम कार्यालय सभागार में आढ़तियों, किसान व बागबान संगठनों, प्रगतिशील बागबानों, ट्रक ऑपरेटर और पिकअप यूनियन के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम रोहडू सन्नी शर्मा ने बताया कि रोहडू फल मंडी में सेब के कारोबार किलो के हिसाब से किया जाना सुनिश्चित किया गया है। वहीं, मंडी में आने वाली पेटी का वजन 24 किलो से अधिक न हो, इसको लेकर भी स्थानीय प्रशासन पूरी नजर रखे हुए है। इसके साथ ही इस दिशा में सरकार के निर्देशों का अक्षरश: पालन हो पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

इस बीच कहा गया है कि मंडियों से सेब की सप्लाई ले जाने वाले ट्रक ऑपरेटरों द्वारा नियमों की अनुपालना नहीं की जा रही है, जिसमें संबधित एजेंसियों पर आरोप है कि वे पहले की तरह पेटियों के हिसाब से किराया ले रहे हैं, जबकि पेटियों की संख्या बढऩे से वजन में इतना अधिक अंतर नहीं आया है। जो कानून के हिसाब से अवैध भी है। इस बैठक में स्थानीय ट्रक ऑपरेटरों का कहना है कि सरकार के निर्देशों के तहत जो नियम बने गए है, उनका पालना करना जरूरी है। हम उन सभी नियमों को अनुसार काम करने को तैयार है, जबकि रोहडू फल मंडी मे प्रदेश से बाहर से आने वाले ट्रक ऑपरेटर इन नियमों के तहत काम नहीं कर रहे। इससे अधिक किराया वसूले जाने का संदेश लोगों तक पहुंच रहा है। इस बैठक के दौरान बागबान, ट्रक ऑपरेटर, किसान व बागबान संगठनों ने सरकार के फैसले को सकारात्मक बताते हुए इसके साथ चलने में सहमति जताई है। बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने बागाबानों से भी अपील की है कि सेब बागबानी के लिए सरकार का यह फैसला उनकी बेहतरी के लिए है, जिसे सफल बनाने में बागबानों की सबसे अधिक सहयोग जरूरी है। इन नियमों की पालना में अभी जरूर कठिनाई आ रही है, लेकिन भविष्य में इसमें सुधार आने से हमें सहुलियत होगी। वहीं, इसके लाभ देखने को मिलेंगे। इस अवसर पर फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरिश चौहान, जिला शिमला ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष बलबीर बाश्टू, प्रगतिशील बागबान, जितेद्र चौहान, राजन हरटा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

Next Story