हिमाचल प्रदेश

मंडी के शंकर देहरा में हुए हादसे के बाद शिक्षा विभाग का फैसला, बाढ़, भू-स्खलन, तो स्कूल बंद,

Renuka Sahu
4 Aug 2022 4:37 AM GMT
After the accident in Shankar Dehra of Mandi, the decision of the Education Department, floods, landslides, then the school closed,
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फाइल फोटो 

मानसून के इस दौर में कहीं बाढ़ या भू-स्खलन जैसी स्थिति पर अब शिक्षा विभाग के उपनिदेशक भी स्कूल बंद करने को लेकर फैसला ले सकते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून के इस दौर में कहीं बाढ़ या भू-स्खलन जैसी स्थिति पर अब शिक्षा विभाग के उपनिदेशक भी स्कूल बंद करने को लेकर फैसला ले सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा ने इस बारे में लिखित निर्देश जारी किए हैं। शिक्षा विभाग की नींद मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र शंकर देहरा के गुड़ाह स्कूल के बच्चों के साथ हुए हादसे के बाद टूटी है। स्कूल के चार बच्चे बाढ़ की चपेट में आने से बह गए थे, जिन्हें बचा लिया गया था। इस हादसे के बाद ग्राम पंचायत गुड़ाह ने प्रस्ताव पारित कर 15 अगस्त तक अपने एरिया के स्कूलों को बंद करने की मांग की थी। इसी पंचायत के पूर्व प्रधान खजाना राम शर्मा ने अलग से शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर यह आग्रह किया था। इसके अलावा संस्कृत शिक्षक परिषद ने भी मानसून की भारी बरसात के दौर में स्कूलों को खोलने पर बच्चों को जोखिम बताया था।

ये सारे मामले 'दिव्य हिमाचल' ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के सामने उठाए थे और उसके बाद तीसरे दिन उच्च शिक्षा निदेशालय से निर्देश जारी हुए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने बताया कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत संबंधित जिलों के उपायुक्तों को पहले ही अधिकार प्राप्त हैं कि यदि मौसम जोखिम भरा है, तो वे स्कूल बंद करने पर फैसला ले सकते हैं, लेकिन अब ताजा निर्देशों में शिक्षा उपनिदेशकों को भी इस बारे में निर्देश दिए गए हैं। यदि मौसम खराब होने के कारण बाढ़, भू-स्खलन या ज्यादा बारिश जैसी स्थिति है, तो जिला प्रशासन के साथ बात करके उपनिदेशक भी संबंधित एरिया के स्कूलों को स्थिति सामान्य होने तक बंद कर सकते हैं।
एचपीयू के अधिकारियों की छुट्टियोंं पर रोक
शिमला – विधानसभा सत्र के दौरान एचपीयू के अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगाई गई है। विधानसभा सत्र के दौरान एचपीयू के अधिकारियों को अत्यावश्यक परिस्थितियों में छुट्टी दी जाएगी। एचपीयू के कुलसचिव की ओर से इस बारे में आदेश जारी किए गए हैं। कुलसचिव की ओर से जारी किए गए आदेशों में कहा गया है कि विधानसभा सत्र के दौरान अधिकारी छह बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा विश्वविद्यालय के समस्त नियंत्रण अधिकारियों, अध्ययन विभागों के विभागाध्यक्षों एवं निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि अधिकारी व कर्मचारी अत्यावश्यक परिस्थितियों के अलावा विधानसभा सत्र की अवधि में कोई भी अधिकारी व कर्मचारी अवकाश पर न जाएं।
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