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40 साल बाद एक बार फिर भयानक बारिश ने मकानों और बगीचों को पहुंचाई क्षति
रामपुर: रामपुर क्षेत्र में बीते दिनों हुई मूसलाधार बारिश ने कई गांवों में कहर ढाया है। अभी भी कई जगह से भू-सखलन के समाचार मिल रहे है। वहीं क्षेत्र में 40 सालों के बाद जुलाई महीने में पहली बार हुई भयानक बारिश ने मकानों और बगीचों को हानि पहुंचाई है। कई लोगों के ऊपर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। कई लोग बेघर हुए हैं, तो कई के मकानों में दरारें पड़ी हैं, तो कई जगह मकानों की सुरक्षा के लिए लगाए गए ढंगे गिरे हैं और डर के साए में लोग जी रहे हैं। बरसात के चलते नगर परिषद रामपुर के वार्ड नंबर-5 खोपड़ी में परिषद द्वारा निर्मित ढंगा हादसे को न्योता दे रहा है। इस पैदल चलने वाले रास्ते में बनाया गया लगभग 13 फुट ऊंचा आरसीसी का ढंगा गिरने की कगार पर है। इस रास्ते में सैंकडो की संख्या में राहगीर गुजरते है, जिसमें स्कूली छोटे बच्चे भी गुजरते हैं। इस रास्ते में जिस जगह पर यह ढंगा लगाया गया है, वहां पर रास्ते की जगह बहुत ही कम है, साथ में रिहायशी मकान है।
गौर हो कि बीते दिनों में हुई बारिश के दौरान इस ढंगे का मलबा रास्ते में गिरा थ, अब यह ढंगा धीरे-धीरे सिरक रहा है। वहां के निवासियों का कहना है कि यदि समय रहते इस ढंगे को गिराया नहीं गया, तो यहां पर कभी भी नगर परिषद की लापरवाही से कभी भी बड़ा अप्रिय हादसा घट सकता है। लोगो का कहना है कि बताया कि नगर परिषद इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है और न ही यहां के पार्षद इस और ध्यान दे रहे हैं। रामपुर क्षेत्र मे ऐसी आपदा की स्तिथि मे पार्षद सत्ता की लड़ाई मे उलझें हैं। जो शर्मनाक बात है स लोगो का कहना है कि जब वोट का समय होता है तो हाथ जोडक़र घर-घर जाकर वोट मांगते हैं, लेकिन जब जनता की बारी आती है तो हाथ खड़े कर देते हैं। बताया कि यहां के पार्षद इस स्तिथि के बारे बाकिफ़़ है लोगों ने इस बारे उन्हें अवगत भी करवाया है, फिर भी वे लोगों की सुध नहीं ले रहे हैं। जब से यह हाहाकार मची है तब से उन्होंने सिर्फ एक बार ही यहां का दौरा किया है।