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हिमाचल प्रदेश
अभिनेत्री जैकलीन शक्तिपीठों में शीश नवाने पहुंचीं, करेंगी हवन
Gulabi Jagat
14 July 2022 10:29 AM GMT

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बॉलीवुड अभिनेत्री जैकलीन फर्नांडिस हिमाचल के शक्तिपीठों में शीश नवाने पहुंचीं हैं। वीरवार को जैकलीन ने कांगड़ा के बज्रेश्वरी माता मंदिर में माथा टेका। मंदिर के पुजारियों ने उनसे विधिवत पूजा-अर्चना करवाई। बताया जा रहा है जैकलीन श्रीलंका में चल रहे सकंट को लेकर हिमाचल के शक्तिपीठों में शीश नवाने पहुंची हैं।
चामुंडा नंदिकेश्वर धाम में भी उन्होंने पूजा की। यहां मंदिर की परिक्रमा की और कुछ देर रुकने के बाद ज्वालाजी माता मंदिर में मां की पवित्र ज्योतियों के दर्शन करने के लिए रवाना हुईं। जैकलीन इसके बाद मां चिंतपूर्णी मंदिर में पूजा करेंगी और रात को माता बगलामुखी मंदिर में विशेष हवन करेंगी। पत्रकारों ने उनसे बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। जैकलीन के साथ आई टीम व मंदिर पुजारियों ने बताया कि वह श्रीलंका में पैदा हुए संकट को लेकर चिंतित हैं, इसीलिए पूजा करवा रही हैं।
देवी के मंदिर में मिलता है मन वांछित फल
मां बगलामुखी का मंदिर जिला कांगड़ा के बनखंडी गांव में है। पुजारी सचिन शर्मा बताते हैं कि मंदिर के साथ प्राचीन शिवालय में आदमकद शिवलिंग स्थापित है, जहां लोग माता के दर्शन के उपरांत जलाभिषेक करते हैं। यह मंदिर लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। पांडुलिपियों में मां के जिस स्वरूप का वर्णन है, मां उसी स्वरूप में यहां विराजमान हैं। मंदिर के पुजारी ने बताया कि मां हल्दी रंग के जल से प्रकट हुईं थीं। पीले रंग के कारण मां को पीतांबरी देवी भी कहते हैं। इन्हें पीला रंग अति प्रिय है, इसलिए इनके पूजन में पीले रंग की सामग्री का उपयोग ही होता है। देवी बगलामुखी का रंग स्वर्ण के समान पीला होता है।
साधक को मां बगलामुखी की आराधना करते समय पीले वस्त्र ही धारण करने चाहिए। मंदिर की हर चीज पीले रंग की है। यहां तक कि वस्त्र, प्रसाद, मौली, मंदिर का रंग भी पीला है। इनके कई स्वरूप हैं। इस महाविद्या की उपासना रात्रि काल में करने से विशेष सिद्धि प्राप्त होती है। इनके भैरव महाकाल हैं। मां बगलामुखी भक्तों के भय को दूर करके शत्रुओं और उनकी बुरी शक्तियों का नाश करती हैं।
पूजा और हवन का महत्व- देवी बगलामुखी में संपूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति का समावेश है। शत्रुनाशिनी देवी मां बगलामुखी मंदिर में मुकदमों में फंसे लोग, पारिवारिक कलह व जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए, वाकसिद्धि, वाद-विवाद में विजय, नवग्रह शांति, ऋद्धि-सिद्धि प्राप्ति और सर्व कष्टों के निवारण के लिए शत्रुनाश हवन करवाते हैं। इनकी उपासना से शत्रुओं का नाश होता है तथा भक्त का जीवन हर प्रकार की बाधा से मुक्त हो जाता है।
राजनीति में विजय प्राप्त करने के लिए इस मंदिर में प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी पूजा कर चुकी हैं। वर्ष 1977 में चुनावों में हार के बाद पूर्व पीएम इंदिरा ने मंदिर में तांत्रिक अनुष्ठान करवाया। उसके बाद वह फिर सत्ता में आईं और 1980 में देश की प्रधानमंत्री बनीं। बतौर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पीएम मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी मंदिर में पूजा कर चुके हैं।
नोट फॉर वोट मामले में फंसे सांसद अमर सिंह, सांसद जया प्रदा, मनविंदर सिंह बिट्टा, कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर, भूपेंद्र हुड्डा, राज बब्बर की पत्नी नादिरा बब्बर, गोविंदा और गुरदास मान जैसी हस्तियां यहां आ चुकी हैं। संकट के समय कॉमेडी किंग कपिल शर्मा भी यहां आ चुके हैं।
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