- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- राज्य के करीब पांच सौ...
राज्य के करीब पांच सौ कर्मियों को नहीं मिली ट्रेनिंग, वनरक्षक बिना प्रशिक्षण के दे रहे हैं ड्यूटी
हिमाचल न्यूज़: प्रदेश में करीब पांच सौ वनरक्षक बिना प्रशिक्षण के ड्यूटी दे रहे हैं। भर्ती होने के बाद इन्हें छह माह का प्रशिक्षण लेना था, लेकिन प्रशिक्षण की व्यवस्था न होने की वजह से सभी वनरक्षकों को बिना प्रशिक्षण ही ड्यूटी पर भेज दिया गया। वन विभाग के पास प्रदेश में दो प्रशिक्षण केंद्र हैं, इनमें से चायल में वनरक्षकों जबकि सुंदरनगर में अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। चायल में हर साल करीब 100 वनरक्षकों को प्रशिक्षण की व्यवस्था है। यह प्रशिक्षण दो चरणों में छह-छह महीने के लिए दिया जाता है। वन रक्षकों की लगातार भर्तियां जारी रहने की वजह से प्रशिक्षुओं की संख्या बढ़ गई है। इनमें से कई वनरक्षक पिछले पांच से ज्यादा सालों से नौकरी कर रहे हैं। गौरतलब है कि वनरक्षकों की भर्ती के बाद उन्हें मूल प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें मौसम के अनुकूल खुद को ढालने, घने जंगलों में रहने, हथियार चलाने, वन माफिया से निपटने और पौधारोपण समेत पेड़ों को बचाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। यह प्रशिक्षण वनरक्षकों की भर्ती का भी हिस्सा है और भर्ती एवं पदोन्नति नियम में प्रशिक्षण को अनिवार्य किया गया है। प्रशिक्षण पूरा करने वाले वनरक्षकों की भर्ती वर्ष 2016 और 2018 में हुई थी। वन विभाग में चयन के बाद बिना प्रशिक्षण ही सभी वनरक्षकों को ड्यूटी पर तैनात कर दिया गया था। उस समय विभाग के प्रशिक्षण केंद्र चायल में व्यवस्था न होने की वजह से यह वनरक्षक प्रशिक्षण नहीं ले पाए थे, लेकिन अब विभाग ने इनके लिए दिसंबर में प्रशिक्षण की व्यवस्था की और अब यह सभी पूर्व में तैनात अपने खंडों में ड्यूटी देने के लिए तैयार हैं।