हिमाचल प्रदेश

आश्रय शर्मा ने भी कांग्रेस से दिया इस्तीफा, कांग्रेस पार्टी पर जमकर साधा निशाना

Admin Delhi 1
7 Oct 2022 1:13 PM GMT
आश्रय शर्मा ने भी कांग्रेस से दिया इस्तीफा, कांग्रेस पार्टी पर जमकर साधा निशाना
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मंडी न्यूज़: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चलते मंडी जिला के सदर से भाजपा विधायक अनिल शर्मा के भाजपा में ही बने रहने के बयान के बाद उनके पुत्र आश्रय शर्मा ने भी अपने पिता अनिल शर्मा का साथ देने का ऐलान कर दिया है। हालांकि उन्होंने अभी तक भाजपा ज्वाइन नहीं की है। इसके साथ ही आश्रय शर्मा ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा तो वहीं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की जमकर तारीफ भी की। शुक्रवार को मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मंडी लोकसभा से पूर्व में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे आश्रय शर्मा ने बताया कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी की मेंबरशिप व पार्टी के द्वारा उन्हें दिए गए सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बताया कि इस्तीफा उन्होंने कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।

आश्रय शर्मा ने बताया कि जब 2019 के लोकसभा चुनावों में सभी नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर दिए तब उन्होंने राहुल गांधी के कहने पर चुनाव लड़ा। लेकिन उसके बाद कांग्रेस का पावर सेंटर प्रदेश में मात्र एक परिवार को देना हाईकमान का सही फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी केवल एक प्राइवेट फर्म बनकर रह गई। उन्होंने हैरानी जताई कि देश व प्रदेश में कांग्रेस के कई प्रतिभावान नेता है, लेकिन यहां केवल एक परिवार को ही तवज्जो दी जा रही है। यह सही नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस राज परिवार तक ही सीमित रह गई है। वहीं इस दौरान कांग्रेस के मंडी से वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर पर आश्रय शर्मा ने पलटवार किया कि कौल सिंह का उनसे उलझने के लिए राजनीतिक कद नहीं है। उन्होंने कहा कि वे तो कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर के पैरों की धूल भी नहीं है लेकिन न जाने क्यों वे उनसे मनमुटाव रखते हैं।

उन्होंने कौल सिंह ठाकुर के उस बयान की भी निंदा की जिसमें कहा गया कि आश्रय अपने पिता का नहीं हुआ तो किसी और का क्या होगा। आश्रय ने कड़े तेवरों में कहा कि आश्रय, चंपा ठाकुर नहीं है, आश्रय शर्मा है और मैं अपने पिता के लिए कुछ भी कर सकता हूँ। आश्रय ने कहा कि कौल सिंह व प्रतिभा सिंह ने हमेशा उनका काम बिगाड़ने की ही कोशिश की है क्योंकि वे सुखराम के पोते हैं।

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