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हिमाचल प्रदेश
चिंता का विषय: तंबाकू के सेवन करने से अब 20 साल तक के युवाओं को भी हार्ट अटैक, प्रतिवर्ष हिमाचल में मरीजों के इतने आंकड़े
Gulabi Jagat
22 May 2022 9:53 AM GMT
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चिंता का विषय
शिमला: हिमाचल का युवा लगातार नशे की चपेट में आता जा रहा है. वहीं, तंबाकू के सेवन करने से अब 20 साल तक के युवाओं को भी हार्ट अटैक आने लगे हैं, जो कि एक चिंता का विषय (Heart attack cases in youth increasing in himcahal) है. यह बात शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान आईजीएमसी कार्डियोलॉजी विभाग (IGMC Department of Cardiology) के एचओडी डॉ. पीसी नेगी ने कही. उन्होंने कहा कि पहले कम उम्र वाले लोगों को हार्ट के लक्षण कम दिखाई देते थे, लेकिन अब यह आंकड़े एकाएक बढ़ने लगे हैं.
IGMC में सलाना इतने आते हैं हार्ट अटैक के मरीज: आईजीएमसी में सलाना 3500 से 4 हजार के बीच हार्ट अटैक के मरीज आते है. हार्ट अटैक से 100 में से 7.8 प्रतिशत लोगों की मौतें हो जाती है. आईजीएमसी में एक दिन में 6 से सात मरीज हार्ट के आते हैं. हार्ट अटैक का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन करना व डाइट में बदलाव होना है. ध्यान रहे कि अगर किसी मरीज को हार्ट अटैक आता है, तो उसे 1 से 2 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाए.तंबाकू के सेवन से युवाओं को भी हो रहा हार्ट अटैक.
समय रहते अस्पताल न पहुंचाया तो हो सकती है मौत: मरीज को इस समय अवधि के अंदर अस्पताल पहुंचा लिया तो उसे तीन फायदे होंगे. एक तो मरीज की जान बचेगी. दूसरी ओर मरीज को समय रहते इंजेक्शन लगेगा, तीसरा फायदा यह है कि मरीज को स्टैंड भी नहीं डालना पड़ेगा. कई मरीज हार्ट अटैक से जान गवां चुके हैं. यह एक ऐसी बीमारी है अगर समय रहते किसी मरीज को अस्पताल न पहुंचाया जाए तो इससे मौत हो जाती है.
शिमला में दो सालों के अंदर 600 मरीजों का हुआ उपचार: शिमला स्थित आईजीएमसी में 2 सालों के अंदर हार्ट के 600 मरीजों का उपचार किया गया है. जिले में आईजीएमसी के साथ 20 सेंटरों को लिंक किया गया है ताकि समय रहते मरीजों का उपचार शुरू हो सके. इस बीमारी को लेकर अब चिकित्सक भी अर्लट हो गए है. हार्ट अटैक के मरीजों को पैनेक्टिप्लेस इंजेक्शन लगता है जो कि 45 हजार रुपये का होता है, लेकिन सरकार ने अस्पतालों में यह इंजेक्शन निशुल्क किया है.
हार्ट अटैक पड़ने पर दी जाती है 40 मिलीग्राम डोज: आईजीएमसी कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. पीसी नेगी का कहना है कि मरीज को पैनेक्टिप्लेस इंजेक्शन की 40 मिलीग्राम डोज दी जाती है. अब एक और राहत वाली बात यह है कि अब ब्रेन स्ट्रोक के मरीज की जान बचाने के लिए भी पैनेक्टीप्लेज को शुरू कर दिया है. ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इसकी 20 मिलीग्राम डोज दी जाती है. डॉक्टरों का मानना है कि इस इंजेक्शन से मरीज की जान बचाई जा रही है.
इन लक्षणों के दिखाई देने पर शीघ्र अस्पताल लाए मरीज: सीने में दर्द होना, थकान महसूस होना, सांस फूलना सहित चक्कर या मितली आना हार्ट अटैक के लक्षण (symptoms of heart attack) है. लोगों को पूरी कोशिश करनी चाहिए की जल्द से जल्द मरीज को अस्पताल पहुंचाए.
सुबह के समय पड़ता है ज्यादा हार्ट अटैक: डॉक्टरों का कहना है कि सुबह के समय में हार्ट अटैक पड़ने की ज्यादा संभावना होती है. वैसे दिन के समय व रात को भी हार्ट अटैक पड़ता है. इन दिनों अस्पताल में मरीजों का आना जारी है. डॉक्टर भी मरीजों को देखने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं. लोगों को सरकार द्वारा हार्ट अटैक से बचने के लिए दी जा रही निशुल्क सुविधा का लाभ उठाना चाहिए
.हार्ट सर्जरी से नहीं डरें लोग: इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को अब हार्ट सर्जरी के नाम से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि इसमें होने वाले खतरे काफी हद तक कम हो गए हैं. अब स्किल्स बेहतर हो गई है और तकनीक बहुत एडवांस है. डॉक्टर्स, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक सर्जन, फिजिशियन और बाकी स्पेशलिस्ट मरीज पर एक टीम की तरह काम करते हैं. बीटिंग हार्ट सर्जरी, मिनिमल इन्वेसिव सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी जैसी एडवांस तकनीक और आर्टिफिशियल हार्ट की उपलब्धता ने रिस्क और भी कम कर दिया है. इसलिए लोगों को हार्ट सर्जरी से नहीं डरना चाहिए.
हार्ट अटैक से बचने के तरीके: लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और रोजाना व्यायाम करना चाहिए. वहीं ज्यादा हेवी भोजन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. जितनी शरीर में क्षमता हो उसके अनुसार ही भोजन लेना चाहिए. ऑयल का कम प्रयोग करना चाहिए. दिल के बीमारी से बचने के लिए योगा जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति योगा करता है तो दिल की आधे से ज्यादा बीमारी दूर हो जाती है. जो लोग इस बीमारी से ग्रसित हो चुके हैं उन्हें फल अधिक खिलाएं. तंबाकू व शराब का सेवन करने से बचे. लोगों को ब्लड, शुगर व कोलेस्ट्रॉल की निरंतर जांच करवानी चाहिए.
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