हिमाचल प्रदेश

सोलन जिले में 7 मकान जमींदोज, 35 से अधिक घरों को खतरा

Shantanu Roy
13 July 2023 9:31 AM GMT
सोलन जिले में 7 मकान जमींदोज, 35 से अधिक घरों को खतरा
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सोलन। सोलन जिले में लगातार 72 घंटों तक हुई भारी बारिश के बाद जमीन खिसकने व भूस्खलन से 7 और मकान जमींदोज हो गए हैं। इन मकानों को पहले ही दरारें आने की वजह से खाली करवा दिया गया था। शामती व कसौली निर्वाचन क्षेत्र की अन्हेच ग्राम पंचायत के सियारड़ी कयारवां गांव व रुंदन घोड़ों में हालात अभी भी चिंताजनक बने हुए हैं। जमीन धंसने की वजह से इन तीनों क्षेत्रों में करीब 35 से अधिक मकानों में खतरा बना हुआ है। इन मकानों में पड़ी दरारों के गहरे होने के बाद इन्हें खाली कर दिया है। शामती में भी लगातार जमीन धंसती जा रही है। पूरे पहाड़ में दरारें और गहरी हो गई हैं। इसकी वजह से एक 3 मंजिला मकान ध्वस्त हो गया। यही नहीं, एक 3 मंजिला मकान (जिसमें कई फ्लैट हैं) भी गिरने की कगार पर है। इसकी वजह से साथ लगते एक और मकान को खतरा पैदा हो गया है। इस मकान के 2 पिल्लर बैंड हो गए हैं। शामती एरिया में करीब 27 मकानों को पहले ही खाली कर दिया है। शामती में बुधवार सुबह जो मकान गिरा उसमें पड़ी दरारें मंगलवार को और गहरी हो गई थी। यही वजह है घर वालों को सामान निकालने का भी मौका नहीं मिला।
सनवारा के पास सूजी चारजां में चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर 4-4 मंजिला मकान जमींदोज हो गए। बताया जा रहा है कि पिछले दिन एनएच पर हुए भूस्खलन से पहाड़ी से गिरी बड़ी चट्टनों से राष्ट्रीय उच्च मार्ग व इन दोनों मकानों में दरारें पड़ गई थीं। इसकी वजह से इन दोनों मकानों को पहले ही खाली करवा दिया था। यही नहीं, यहां पर भी अभी 2-3 मकानों को खतरा बना हुआ है। कसौली निर्वाचन क्षेत्र में अन्हेच ग्राम पंचायत के सियारड़ी कयारवां गांव में भूस्खलन से 3 मकान जमींदोज हो गए हैं। ये तीनों मकान मलबे के साथ ही बह गए हैं। इन मकानों का मलबे में अभी पता नहीं चल रहा है। इन मकानों को पहले ही खाली कर दिया था। बताया जा रहा है कि बादल फटने के बाद ही इस गांव की ऊपरी पहाड़ी में भूस्खलन हुआ है। इसकी वजह से इस गांव में करीब 3 और मकानों को खतरा बना हुआ है। इन मकानों में पड़ी दरारें भी गहरी होती जा रही हैं। यही वजह है कि इन मकानों को भी खाली कर दिया है। कुमारहट्टी के पास नाहन रोड पर रुंदन घोड़ों में हुए भूस्खलन से 2 कमरों का मकान मलबे में ही दब गया है। चट्टानों व मलबे के साथ 100 से अधिक पेड़ एक साथ लोगों के घरों में घुस गए। इस वजह से एक और मकान को भी नुक्सान हुआ है व कई मकानों को खतरा बना हुआ है। इस जगह पर कुछ समय पूर्व एक भवन गिरने के कारण 13 सेना के जवान भी शहीद हुए थे। कुमारहट्टी के पास क्यार गांव में भी लगातार भूस्खलन की वजह से लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं।
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