हिमाचल प्रदेश

13 दिन में 67 लोगों की मौत, 116 करोड़ रुपये बहे

Admin4
13 July 2022 12:24 PM GMT
13 दिन में 67 लोगों की मौत, 116 करोड़ रुपये बहे
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शिमला. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर जारी है. राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई इलाकों में सोमवार को जमकर बारिश हुई. इस बीच मौसम विभाग का कहना है कि आगामी 4-5 दिनों में भी मॉनसून सक्रिय रहेगा, लेकिन तीव्रता कम रहेगी. मौसम विभाग ने कुल्लू जिले के लिए बड़ी चेतावनी जारी की है. कुल्लू जिले में बादल फटने और फ्लैड फ्लड की संभावनाएं जताई गई हैं.

मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने अलर्ट रहने की चेतावनी दी है. पर्यटकों और स्थानीय लोगों को नदी-नालों से दूर रहने और अनवाश्यक रूप से यात्रा न करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि बादल फटने जैसी घटनाओं की दृष्टि से कुल्लू जिला सबसे ज्यादा संवेदनशील है. उन्होंने कहा कि बादल फटने और फ्लैश फ्लड की संभावनाएं सबसे ज्यादा सुबह के समय होती है.

रातभर जोरदार बारिश होती, जिसके चलते सुबह के समय फ्लैश फ्लैश फ्लड की स्थिती बन जाती है. उन्होंने बताया कि जुलाई और अगस्त के महीने में बादल फटने जैसी घटनाएं सामने आती हैं, इसलिए एतियात बरतना जरूरी है. बीते वर्ष धर्मशाला में 24 घंटों के दौरान 229 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई थी, जबकि इस बार रविवार रात को बारिश का आंकड़ा 227 मिलीमीटर रहा है.निदेशक ने बताया कि इन दिनों कुल्लू जिले के अलावा प्रदेश में कई स्थानों पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. विजिविलिटी कम होने के चलते दुर्घटना होने की भी आशंका बढ़ जाती है.सुरेंद्र पॉल ने बताया कि इस मॉनसून सीजन में अब तक बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला और कुल्लू जिले में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, अन्य जिलों में सामान्य बारिश हुई है. बता दें कि इस मॉनसून सीजन में 65 से ज्यादा लोगों की जान गई है, जिनमें अधिकतर दुर्घटनाओं में लोग मारे गए हैं. मौसम खराब होने के चलते अधिकतर दुर्घटनाएं हुई हैं.

अब तक 116 करोड़ रुपये की चपत

राज्य में अब तक बरसात के दौरान भारी बारिश से 116.62 करोड़ रुपए की सरकारी और गैर सरकारी संपत्ति तबाह हो गई है. अकेले लोक निर्माण विभाग को 110 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है. 29 जून से 11 जुलाई तक सड़क दुर्घटनाओं, भूस्खलन, बाढ़ इत्यादि कारणों से 33 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि चार लोग लापता है. कुल 13 दिन में 67 लोगों की मौत हुई है. रिपोर्ट के अनुसार 69 लोग घायल हुए हैं. 33 मवेशियों की भी जान गई है. 1 पक्का और 8 कच्चे मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जबकि 11 पक्के और 44 कच्चे घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. 41 गौशालाएं भी मॉनसून की भेंट चढ़ चुकी हैं.

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