हिमाचल प्रदेश

महिलाओं को 50 फ़ीसदी बस किराए में छूट देने के कारण एचआरटीसी को 60 करोड़ का घाटा, सरकार ने कोर्ट में दी जानकारी

Renuka Sahu
28 July 2022 4:02 AM GMT
60 crore loss to HRTC due to 50% discount on bus fare for women, the government informed the court
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फाइल फोटो 

महिलाओं को 50 फ़ीसदी बस किराए में छूट देने के कारण परिवहन को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महिलाओं को 50 फ़ीसदी बस किराए में छूट देने के कारण परिवहन को लगभग 60 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ेगा। प्रधान सचिव व निदेशक परिवहन ने प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष शपथ पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होंने अपने शपथ पत्र में यह भी बताया कि इसकी भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। कोर्ट को यह भी जानकारी दी गई कि परिवहन निगम ने 31 मार्च तक 221 करोड़ रुपए का रोड टैक्स अदा नहीं किया है। न्यायालय को बताया गया कि महिलाओं को किराए में छूट देने का निर्णय कैबिनेट का है, जिसे 25 फ़ीसदी से बढ़ाकर 50 फ़ीसदी किया गया है। महिलाओं को बस किराए में छूट देने के बारे में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, जिसे राज्य सरकार ने कैबिनेट के समक्ष रखा और उसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी।

न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई पहली अगस्त के लिए निर्धारित की है। प्रदेश उच्च न्यायालय से हिमाचल निजी बस ऑपरेटर संघ को कोई राहत नहीं मिली थी। निजी बस ऑपरेटर संघ ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार द्वारा सात जून, 2022 को जारी की गई अधिसूचना कानून के सिद्धांतों के विपरीत है, जबकि महिलाओं व पुरुषों के लिए बराबर किराया होना चाहिए। पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जारी करने को भी प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी गई है। इस विषय में यह दलील दी गई है कि पथ परिवहन निगम द्वारा ग्रीन कार्ड जैसी सुविधाएं देने की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।
हाइट में कांस्टेबल भर्ती से बाहर हुए भूतपर्व सैनिकों को मिलेगी नियुक्ति
शिमला – प्रदेश हाई कोर्ट ने लंबाई के आधार पर कांस्टेबल भर्ती से बाहर किए दो भूतपूर्व सैनिकों को तुरंत नियुक्ति पत्र जारी करने के आदेश दिए। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने सेना में रहे पूर्व हवलदार राजीव शर्मा व मनीष कुमार की याचिकाओं को स्वीकारते हुए सरकार को यह आदेश दिए। कोर्ट ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि प्रार्र्थियों को उस दिन से नियुक्ति व वरिष्ठता दी जाए, जब से उनके साथ वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी गई है। कोर्ट ने नियुक्ति से उत्पन्न सभी सेवा लाभ भी प्रार्थियों को देने के आदेश दिए हैं। मामले के अनुसार प्रार्थियों ने पूर्व सैनिक कोटे से कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन किया था, परंतु भर्ती के दौरान उनकी लंबाई पांच फुट छह इंच पाई गई। इसलिए उन्हें भर्ती से बाहर कर दिया गया। प्रार्थियों का कहना था कि उनकी डिस्चार्ज बुक में लंबाई पांच फुट 6.53 इंच दर्शाई गई है और इसलिए उन्हें लंबाई के आधार पर भर्ती से बाहर करना वास्तविकता से परे है। कोर्ट ने मामलों की सुनवाई के दौरान पाया कि सेना बल में भर्ती की प्रक्रिया अन्य बलों की तुलना में बहुत कड़ी होती है। इसलिए प्रार्र्थियों की लंबाई के बारे में सेना के दस्तावेजों पर उंगली न उठाई जाए।
अस्थायी स्थानांतरण के आधार पर दूसरे विभाग में लंबीतैनाती गलत
शिमला – प्रदेश हाई कोर्ट ने अस्थायी स्थानांतरण आधार पर अनिश्चित काल तक किसी अन्य विभाग में तैनाती को गलत ठहराते हुए प्रार्थी धनबीर सिंह को आबकारी एवं कराधान विभाग से वापस उसके नियोक्ता कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति देने के आदेश दिए। न्यायाधीश सबीना व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को आदेश दिए कि वह प्रार्थी को दो सप्ताह के भीतर आबकारी विभाग से वापस बुलाए और अपने नियोक्ता विभाग में तैनाती दे। कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार समझ से परे है आखिरकार अनिश्चितकाल तक किसी कर्मचारी को उसकी इच्छा के विपरीत सेकंडमेंट आधार पर दूसरे विभाग में रखना उचित नहीं है।


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