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हिमाचल में भारी वर्षा से हुए भूस्खलन से 58 सड़कें, 40 से ज्यादा ट्रांसफार्मर हुए ठप
शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी वर्षा से हो रहा नुकसान थम नहीं रहा है। राज्य के अनेक क्षेत्रों में भूस्खलन से सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप पड़ने से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। बीते 24 घंटों के दौरान हालांकि मानसून की रफतार धीमी रहीं, लेकिन भूस्खलन का दौर जारी रहने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 58 सड़कें, 40 ट्रांसफार्मर, 34 पेयजल परियोजनाएं ठप रहीं। इसके अलावा दो घर और चार पशुशालाएं धराशायी हुईं। कुल्लू जिला में 21, चंबा में 13, मंडी व सोलन में तीन-तीन और कांगड़ा में एक सड़क अवरुद्ध रही। चंबा में 25 और कुल्लू में दो ट्रांसफार्मर ठप रहे। चंबा में 34 पेयजल परियोजनाएं अभी तक बहाल नहीं हो पाई हैं। चंबा और मंडी में एक-एक घर को नुकसान पहुंचा। चंबा में तीन और हमीरपुर में एक पशुशाला भी धराशायी हुई। राजधानी शिमला से सटे उपनगर टूटू में मंगलवार सुबह एक पेड़ के धराशायी होने से शिमला-मंडी नेशनल हाईवे दो घंटे ठप रहा।
मौसम विभाग ने आगामी 13 अगस्त तक मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। वहीं 10 व 11 अगस्त को राज्य के मैदानी और मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। बीते 24 घंटों के दौरान चंबा जिला में 29 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बिजाही में 27, कोटखाई में 22, सोलन, कंडाघाट और वांगटू में 19-19, करसोग में 16, शिमला व गोहर में 12-12, मशोबरा और भराड़ी में 11-11, मनाली व ठियोग में 10-10 मिमी वर्षा हुई है।