हिमाचल प्रदेश

एक साल में तैयार होंगी 500 मेगावाट की परियोजनाएं, सोलर एनर्जी में 12 प्रतिशत होगी हिमाचल की भागीदारी

Gulabi Jagat
23 Jan 2023 9:30 AM GMT
एक साल में तैयार होंगी 500 मेगावाट की परियोजनाएं, सोलर एनर्जी में 12 प्रतिशत होगी हिमाचल की भागीदारी
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शिमला
प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी में है। सरकार इस हिस्सेदारी को 12 फीसदी तक पहुंचाने में प्रयासरत है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगवाई वाली कांग्रेस सरकार इस एक साल में अवधि के दौरान प्रदेश भर में 500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। इसमें कम से कम 200 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड के माध्यम से स्थापित होंगी। इसके दृष्टिगत 70 मेगावाट क्षमता के लिए भूमि चिन्हित की जा चुकी है और अन्य स्थलों को भी शीघ्र ही अंतिम रूप दिया जाएगा। 150 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाएं निजी भागीदारी से हिमऊर्जा के माध्यम से स्थापित की जाएंगी और इन परियोजनाओं के आबंटन में हिमाचलियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इन परियोजनाओं की क्षमता की श्रेणी 250 किलोवाट से एक मेगावाट होगी।
प्रदेश सरकार ने हिमऊर्जा को एक ऐसा तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए है, जिसमें तीन मेगावाट क्षमता से अधिक की सौर परियोजनाओं में राज्य को रॉयल्टी प्राप्त होने से वित्तीय लाभ मिल सके। हिमऊर्जा को पांच मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना में राज्य के लिए पांच प्रतिशत प्रीमियम और पांच मेगावाट क्षमता से अधिक की सौर ऊर्जा परियोजनओं में 10 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड को काशंग द्वितीय और तृतीय, शॉंग-टांग व कड़छम आदि परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी परियोजनाओं को वर्ष 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री ने एचपीपीसीएल को सौर परियोजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए 10 दिन के भीतर सलाहकार नियुक्त करने तथा एक माह के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। ऊर्जा विभाग तथा एचपीपीसीएल अन्य राज्यों जैसे राजस्थान में भूमि चिन्हित करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जहां मेगा सौर संयंत्र स्थापित करने के लिए रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध है।
नाथपा झाकड़ी में बढ़ा उत्पादन
नाथपा-झाकड़ी जल विद्युत स्टेशन (एनजेएचपीएस) से बस-बार दर पर लगभग 4200 करोड़ रुपए की 22 प्रतिशत अतिरिक्त विद्युत भी प्राप्त हुई है। एसजेवीएनएल की हिमाचल प्रदेश में पांच सौर ऊर्जा परियोजनाएं (एसपीपी) प्रस्तावित हैं। जिला ऊना में 112.5 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (एसपीपी) थपलान स्थापित की जा रही है। इसके अलावा ऊना जिला में 20 मेगावाट क्षमता की एसपीपी भंजाल और कध, कांगड़ा जिला के फतेहपुर में 20 मेगावाट, सिरमौर जिला में 30 मेगावाट एसपीपी कोलार और कांगड़ा जिला के राजगीर में 12.5 मेगावाट क्षमता एसपीपी की परियोजनाएं पूर्व-निर्माण चरण में हैं। प्रदेश सरकार ने 1055 करोड़ के इक्विटी योगदान की एवज में 2355 करोड़ रुपए की लाभांश आय प्राप्त की है।
हरित ऊर्जा राज्य बनेगा हिमाचल
राज्य की कुल चिन्हित जल विद्युत क्षमता लगभग 27 हजार 436 मेगावाट और दोहन योग्य विद्युत क्षमता 23 हजार 750 मेगावाट है। इसमें से 10 हजार 781.88 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है। राज्य के पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से सरकार वर्ष 2025 के अंत तक जलविद्युत, हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा का दोहन करके प्रदेश को पहला हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए वचनबद्ध है। वर्तमान प्रणाली का नवीनीकरण और राज्य के विकास के दृष्टिगत हरित ऊर्जा का दोहन अति-आवश्यक है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अधिकारियों को वर्तमान ऊर्जा नीति में आवश्यक बदलाव लाने और पांच मेगावाट क्षमता तक की सभी सौर ऊर्जा परियोजनाएं आबटन के लिए खुली रखने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार सौर ऊर्जा संयंत्रों में निवेश भी करेगी।
Gulabi Jagat

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