हिमाचल प्रदेश

अगले तीन दिन में जमा करवानी होगी 30 फीसदी राशि, एचपी 99-9999… नीलामी पूरी

Gulabi Jagat
18 Feb 2023 9:15 AM GMT
अगले तीन दिन में जमा करवानी होगी 30 फीसदी राशि, एचपी 99-9999… नीलामी पूरी
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शिमला
वीआईपी नंबर एचपी 99-9999 के लिए नीलामी प्रक्रिया बेशक शुक्रवार को पूरी हो गई, लेकिन यह नंबर अभी गया नहीं है। इस नीलामी में इस नंबर के लिए तीन बोली दाताओं ने एक करोड़ से ऊपर की कीमत भरी है, लेकिन नंबर को लेने के लिए अभी संपर्क नहीं किया है। इसलिए परिवहन विभाग खुद अभी यह नहीं बता पा रहा कि यह नंबर बिका भी है कि नहीं। तीन दिन के भीतर अब बोलीदाता को 30 फीसदी राशि जमा करवानी है, तभी पता चलेगा कि नंबर बिका या नहीं। दरअसल आरएलए कोटखाई में एचपी 99 की सीरीज दी गई है। इसके लिए पिछले दो दिन से बोली की प्रक्रिया चल रही थी। शुक्रवार शाम को यह प्रक्रिया पूरी हुई। इसमें एचपी 99-9999 नंबर के लिए देशराज नाम के व्यक्ति ने सबसे ज्यादा 1 करोड 12 लाख 15 हजार 500 रुपए की बोली दी है। दूसरे नंबर पर संजय कुमार हैं, जिन्होंने एक करोड़ 11000 रुपए की बोली लगाई है। तीसरे नंबर पर धर्मवीर सिंह हैं, जिन्होंने एक करोड़ 500 रुपए इस नंबर के लिए बोली में लगाए हैं।
ये तीनों ही अगर इस नंबर को नहीं लेते हैं, तो यह नंबर दोबारा से नीलामी के लिए जाएगा। टॉप-3 बोलीदाताओं के अलावा चौथे बोलीदाता को नंबर नहीं दिया जाता। यदि तीनों ही इस नंबर को नहीं लेते हैं, तो भी इनके खिलाफ परिवहन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। नियमों के मुताबिक बोली लगाने के लिए सिक्योरिटी मनी जमा कराने की जरूरत भी नहीं है। सिर्फ 1000 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस के साथ कोई भी ऑक्शन में शामिल हो सकता है। यदि दिए गए अमाउंट के अनुसार बोली पूरा होने के बाद व्यक्ति इस नंबर को नहीं लेता है, तो भी उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी। परिवहन निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि इस बारे में नियमों में संशोधन प्रस्तावित है और विभाग जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरी कर लेगा। इसके बाद बोली में शामिल होने के लिए सिक्योरिटी मनी जरूरी हो जाएगा। नीलामी की शर्तें तोडऩे पर इसे जब्त भी किया जा सकेगा।
सरकार और इनकम टैक्स भी सतर्क
इस वीआईपी नंबर के लिए हुई नीलामी ने न सिर्फ राज्य सरकार का ध्यान खींचा है, बल्कि इनकम टैक्स और अन्य एजेंसियों की नजर भी अब है। परिवहन विभाग और जिला प्रशासन शिमला से कुछ एजेंसी होने संपर्क भी किया है। यह संपर्क इसलिए किया जा रहा है ताकि इनका एड्रेस पता किया जा सके। हालांकि परिवहन विभाग के पास पूरा पता भी जल्द आ जाएगा। गुरुवार को जब यह मामला सोशल मीडिया पर उठा था तो मुख्यमंत्री ने भी इस बारे में डिटेल मांगी थी।
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