हिमाचल प्रदेश

देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण समाज के 3 नेता गिरफ्तार

Bharti sahu
17 March 2022 3:00 PM GMT
देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण समाज के 3 नेता गिरफ्तार
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सवर्ण आयोग न बनाने पर बीते बुधवार को राजधानी शिमला में हुए उग्र प्रदर्शन के मामले में देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण समाज के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है

सवर्ण आयोग न बनाने पर बीते बुधवार को राजधानी शिमला में हुए उग्र प्रदर्शन के मामले में देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण समाज के तीन नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार रुमित ठाकुर, मदन ठाकुर और दीपक चौहान पर एएसपी और तीन पुलिस कांस्टेबलों की हत्या के प्रयास समेत कई आरोपों में सात धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. मोनिका भुटूंगरू ने बताया कि तीनों को गुरुवारतड़के 4:00 बजे राजधानी से सटे शोघी स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया। तीनों को अदालत में पेश किया, जहां से इन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। शिकायत में क्यूआरटी पुलिस लाइन कैथू के एएसआई सुरेश कुमार ने बताया कि बीते बुधवार सुबह करीब 10:00 बजे जब वह कर्मचारियों के साथ संबंधित क्षेत्र की निगरानी पर थे तो रुमित और मदन के नेतृत्व में करीब सौ कार्यकर्ताओं ने टुटीकंडी में चक्का जाम कर दिया।

इस बीच कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तारादेवी के पास एचआरटीसी कार्यशाला में पहुंचे तो जानबूझकर पुलिस प्रमुखों को निशाना बनाने के इरादे से पथराव किया गया। इसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार शर्मा, चालक कांस्टेबल राजकुमार, कार्तिक, अक्षय घायल हुए। आरोप है कि इस संगठन के कार्यकर्ताओं ने वाहनों पर भी पथराव किया और लाठियों एवं लोहे की छड़ों से तोड़फोड़ की। पुलिस ने शिमला-चंडीगढ़ हाईवे को बाधित करने पर देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण संगठन के दस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
वहीं, देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमित ठाकुर, देवभूमि सवर्ण संगठन के अध्यक्ष मदन ठाकुर और एक अन्य नेता दीपक की गिरफ्तारी के बाद दूसरे दिन भी प्रदेश में माहौल गरमाया रहा। रुमित ठाकुर की पत्नी शिवानी रघुवंशी ठाकुर ने सोशल मीडिया पर कहा कि रुमित ठाकुर और अन्य दोनों नेताओं को आंदोलन दबाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। पथराव के समय वे लोग मौजूद नहीं थे। न धक्कामुक्की के वक्त ही वहां थेे।
वे लोगों से लगातार अपील करते रहे। यहां तक कहा कि पत्थर बरसाने हैं तो उन पर बरसाएं। शिवानी ने पूछा कि जो लोग मरने-मारने के लिए तैयार रहने की बात कर रहे थे, वे आज कहां हैं। उन्होंने कहा कि सवर्णों की एकता और अखंडता पर जो प्रश्न चिन्ह लगा है, उसका लाभ सरकार ने उठाया है। पर संगठन टूटा नहीं है। यह आज भी सवर्णों के लिए काम करेगा और कल भी कर रहा था।


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