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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में इस साल मॉनसून के कहर से 270 लोगों की मौत
Ritisha Jaiswal
27 Aug 2022 3:53 PM GMT
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हिमाचल प्रदेश में इस साल मॉनसून कहर बनकर टूटा है. 29 जून से 26 अगस्त तक 270 लोगों की मौत हो गई है,
हिमाचल प्रदेश में इस साल मॉनसून कहर बनकर टूटा है. 29 जून से 26 अगस्त तक 270 लोगों की मौत हो गई है, 495 घायल हैं जबकि 9 अभी भी लापता हैं. राज्य आपदा प्रबंधन सेल की ओर से जारी रिपोर्ट में अब तक 169 पक्के घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 733 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है. 689 गौशालाएं और 163 दुकाने भी जमींदोज हुई है. इस बरसात में अब तक 272 मवेशी भी मारे गए हैं.
प्रदेश में संपत्ति को हुए नुकसान ने पिछले चार सालों का रिकार्ड तोड़ा है. प्रदेश को 1721 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ है. लोक निर्माण विभाग को 940 करोड़, जल शक्ति विभाग को 708 करोड़ और बिजली विभाग को 5 करोड़ का नुकसान हुआ है.
साल 2018 में 1578.08 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. आपदा प्रंबधन सेल के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में 1202.69 करोड़ रुपये, 2020 में 872.32 करोड़ रुपये और वर्ष 2021 में 1151.72 करोड़ रुपये की क्षति हुई थी. इस मॉनसून सीजन में हिमाचल में 47 सड़क दुर्घटनाओं 129 लोग मारे गए हैं, जबकि फ्लैश फ्लड की 65 घटनाओं में 5 लोगों की मौत हुई है. प्रदेशभर में 75 स्थानों पर भूस्खलन से 19 लोग मारे गए. इस साल अब बादल फटने की 12 घटनाएं सामने आई हैं जिनमें 3 लोगों को जान गंवानी पड़ी. नदी नालों में आई बाढ़ की चपेट में आने से 30 लोगों की मौत हुई है. पेड़ और चट्टानों के गिरने की घटनाओं में 35 लोग मारे गए हैं.
सबसे ज्यादा बारिश शिमला में हुई
इस सीजन में अब तक शिमला में सबसे ज्यादा बारिश रिकार्ड की गई. शिमला जिले में सामान्य से 46 फीसदी ज्यादा बारिश हुई. कुल्लू में सामान्य से 42 फीसदी अधिक तो बिलासपुर जिले में 17 प्रतिशत ज्यादा बर्षा हुई है. शनिवार को सुबह 10 बजे तक प्रदेशभर में 78 सड़कें बंद पड़ी हुई थीं. सबसे ज्यादा मंडी जिले में 26, चंबा में 18, कुल्लू में 16 और शिमला में 12 सड़कें अवरूद्ध हैं. 128 ट्रांसफार्मर ठप और जलापूर्ति की 10 परियोजनाएं बंद पड़ी हैं.
Ritisha Jaiswal
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