हिमाचल प्रदेश

यहां नाबालिग से दरिंदगी करने वाले तांत्रिक को 25 साल का कारावास

Gulabi Jagat
22 Nov 2022 2:27 PM GMT
यहां नाबालिग से दरिंदगी करने वाले तांत्रिक को 25 साल का कारावास
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मंडी, 22 नवंबर : माननीय विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो), जिला मण्डी, हिमाचल प्रदेश, की अदालत ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म के दोषी को विभिन्न धाराओं में कारावास की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई। जिला न्यायवादी मंडी, कुलभूषण गौतम ने बताया कि दिनांक 14 सितंबर 2020 को जोगिंद्रनगर पुलिस को एक सरकारी अस्पताल से दूरभाष से सूचना मिली कि एक नाबालिग अपनी माँ के साथ स्वास्थ्य परीक्षण करने आई थी। नाबालिग परीक्षण के दौरान गर्भवती पाई गयी। सूचना के आधार पर पुलिस अस्पताल पहुंची और पीडिता का बयान दर्ज किया गया।
पीड़िता ने बताया कि वह अपने माता पिता के साथ रहती है और पिछले कुछ दिनों से उसको सिर दर्द रहती थी और और बीमार रहती थी। जिसके चलते पीडिता की माँ उसे एक चेले/तांत्रिक के पास ले गयी। तांत्रिक ने उन्हें बताया कि पीडिता को जादू टोने की शिकायत है, जिस कारण से पीड़ित अक्सर तांत्रिक के पास जाती रहती थी। लेकिन मार्च 9 को पीडिता जब तांत्रिक के पास गई तो उसने ने पूजा के कमरे में सामान रखवाकर पीडिता को दुसरे कमरे में बुलाया और उसके साथ जबरदस्ती करने लगा। पीडिता ने जब उसका विरोध किया तो तांत्रिक ने उसे जान से मारने की धमकी दी। साथ ही परिवार पर जादू टोना करने की भी धमकी दी। तांत्रिक ने पीडिता के साथ दुष्कर्म किया। डर के कारण पीडिता ने यह बात अपने घर में नहीं बताई। उसके बाद भी पीडिता तांत्रिक के घर जाती रही और उसने डरा धमकाकर दो तीन बार और दुष्कर्म किया।
पीडिता के उक्त बयान के आधार पर तांत्रिक के खिलाफ थाना जोगिन्द्रनगर, जिला मंडी में अभियोग 198/2020 दर्ज हुआ था। मामले की छानबीन उप निरीक्षक सुरजीत सिंह, थाना जोगिन्द्रनगर, जिला मंडी द्वारा अमल में लायी थी। छानबीन पूरी होने पर थानाधिकारी थाना जोगिन्द्रनगर, जिला मंडी द्वारा मामले के चालान को अदालत में दायर किया था। मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 18 गवाहों के बयान कालबद्ध करवाए थे।
मामले में सरकार की तरफ से मामले की पैरवी लोक अभियोजक, चानन सिंह द्वारा की गई। अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपरोक्त दोषी को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376 (3) के तहत 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ₹ 50,000/-जुर्माने की सजा, धारा 506 (पप) के तहत 5 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ₹ 5,000/-जुर्माने की सजा और पोक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत 25 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ ₹ 50,000/- जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 2 से 6 माह तक के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई।
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