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हिमाचल प्रदेश
फैक्ट्री से निकलने वाले रासायनिक तत्वों से किसानों की 150 भूमि हो रही प्रभावित
Gulabi Jagat
14 Feb 2023 4:27 PM GMT
शिमला 14 फरवरी : हिमाचल किसान सभा की एक टीम ने ऊना जिला का दौरा किया। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने रासायनिक प्रदूषण से प्रभावित किसानों की बैठक करते हुए कहा कि समस्या के समाधान के लिए संगठित होने की अपील की और किसानों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से उठाया जाएगा। समाधान न होने की स्थिति में किसान सभा संघर्ष का रास्ता अख्तियार करेगी।
डाॅ. तंवर ने बताया कि हिमाचल और पंजाब की सीमा पर स्थित एक रासायनिक पीसीएल नाम का उद्योग कार्यरत है। यह उद्योग को पहले पंजाब सरकार पंजाब एल्कलीज केमिकल लिमिटेड के नाम से चलाती थी, लेकिन पिछली कांग्रेस सरकार ने इस उद्योग को निजी हाथो में बेच दिया। अब यह उद्योग प्रोमो केमिकल लिमिटेड के नाम से चल रहा है। इसमें कास्टिक सोडा, एचसीएल हाईड्रो क्लोरिक, क्लोरीन गैस, सोडियम क्लोराइड, जैसे रसायन बनते और इस्तेमाल किए जाते हैं। जिसके कारण इस उद्योग से निकलने वाले केमिकल वेस्टेज से स्थानीय लोगों की जमीन बंजर बनने की कगार पर पहुंच गई है।
केमिकल उद्योग अपनी वेस्टेज को ट्रीटमेंट प्लांट में न डाल कर पिट में छोड़ रहा है, जिससे भूजल प्रदूषित हो रहा है। लोगों ने शंका जताई है कि शायद इस उद्योग ने रिवर्स ड्रेनिंग के जरिए केमिकल वेस्टेज को सीधा भूजल में मिला दिया है।
उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र का भूजल मनुष्य के उपयोग तथा सिंचाई के काम में नहीं आ रहा है। क्योकि पानी में भारी मात्रा में कैमिकल घुल चुका है, जिससे पानी से सिंचाई करने से फसल खराब हो जाती है। इसके अतिरिक्त अक्सर इस उद्योग से गैस लीक होती रहती है, जिससे फसल तो खराब होती ही है, साथ ही दुष्प्रभाव स्थानीय लोगो के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
डाॅ. तंवर ने बताया कि इस क्षेत्र के 15 गांव की करीब 150 एकड़ जमीन और करीब तीस हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। उन्होंने बताया कि विशेषकर बच्चों पर इसका ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण बच्चों का मानसिक और शरीरिक विकास सही परिप्रेक्ष्य में नहीं हो पा रहा है।
Gulabi Jagat
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