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हिमाचल प्रदेश
13 कमरों का मकान जमींदोज, पीडि़त परिवार को 40 लाख का नुकसान
Gulabi Jagat
26 July 2022 10:09 AM GMT

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गोहर
लेहथाच पंचायत के अंतर्गत थनोच गांव में ल्हासा गिरने से 13 कमरों का रिहायशी मकान बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। तीन लोगों के इस संयुक्त मकान के ढहने से प्रभावित परिवार को करीब 40 लाख का नुकसान होने का अनुमान है। स्थानीय पंचायत के प्रधान तेज सिंह ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि थनोच गावं के हेतराम व रोशन लाल (दोनों भाई) तथा इनके पिता टेक चंद के मकान में एक दिन पूर्व हुई भयंकर बरसात के चलते दरारें आ गई थी। मकान को असुरक्षित देख परिवार के सभी सदस्य सुरक्षित स्थान की ओर निकल चुके थे। रविवार सायं करीब सात बजे जैसे ही मकान के निचले हिस्से से जब मिट्टी व पत्थर निकलने लगे तो परिवार सहित गांव के अन्य लोग मौके पर एकत्र हो गए। उतने में देखते ही देखते 13 कमरों का रिहायशी मकान जमींदोज हो गया, जिससे प्रभावित परिवार को 40 लाख के करीब का नुकसान बताया जा रहा है। पंचायत प्रधान तेज सिंह ने स्थानीय प्रशासन व सरकार से मांग की है कि प्रभावित परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता प्रदान की जाएं। उधर, एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने संबंधित पटवारी को नुकसान का जायजा लेकर विस्तृत रिपोर्ट जल्द देने के आदेश जारी कर दिए है। एसडीएम थुनाग पारस अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि वे बरसात के दौरान सावधानी से नदी-नाले क्रॉस करें।
लाहुल के तेलिंग-पागल नाला ने मचाई तबाही
केलांग। जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति के तेलिंग नाला और पागल नाले में सोमवार सुबह बाढ़ आने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। वहीं, तेलिंग नाले में आई बाढ़ से सारा मलबा मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर आया। मार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए घंटों बंद रहा। दोनों तरफ गाडिय़ों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। बीआरओ की टीम ने मार्ग बहाली का कार्य आरंभ कर दिया। हालांकि जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन मार्ग को काफी क्षति हुई है। लेह से केलांग, मनाली आ रहे और मनाली-केलांग से लेह की तरफ जा रहे वाहन घंटों फंसे रहे।
बागीपुल में मलबे ने रोके श्रीखंड के भक्त
कुल्लू। जाओं-बागीपुल सडक़ पर छलीर ढांग के पास भू-स्खलन से सडक़ पर बना मंदिर मलबे की चपेट में आ गया है। सोमवार शाम बारिश के चलते पहाड़ी दरकने से श्रीखंड के यात्री भी फंस गए हैं। लोगों ने सडक़ से गुजर रहे वाहनों को रुकवाया। उपायुक्त आशुतोष गर्ग ने कहा कि मार्ग बहाली के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
शाक्टीमरोड़ में घर छोड़ भागे ग्रामीण
कुल्लू। जिला के दुर्गम गांव शाक्टीमरोड़ में बारिश से नाले में आई बाढ़ से खूब तबाही मचाई। लोग अपने घरों को छोडक़र मौके से भाग गए। नाले में आई बाढ़ से एक पुलिया बह गई है, जबकि एक डैमेज हो गई है। पूर्व प्रधान भाग चंद ने बताया कि नाले में बाढ़ से घरों और खेतों को नुकसान पहुंचा है। ऐसे में लोगों का मलबे के बीच गुजरना दुश्वार हो गया है। एसडीएम बंजार प्रकाश चंद आजाद ने कहा कि शाक्टी मरोड़ में हुए नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
ब्यास नदी में बाढ़ से रेस्तरां में घुसा मलबा
बाहंग में पानी से गाडिय़ों-खोखों को नुकसान, उझी घाटी में अफरा-तफरी का माहौल
निजी संवाददाता—मनाली
कुल्लू के मनाली स्थित पलचान के सेरी नाला में सोमवार सुबह बादल फटने से ब्यास नदी में बाढ़ आ गई, पूरी उझी घाटी में अफरा-तफरी का महौल रहा। ब्यास नदी का जलस्तर बढऩे से सोलंग गांव के लिए बनाया लकड़ी का पुल बह गया है। इसके अलावा पलचान व बाहंग के आसपास नदी किनारे बना एक रेस्तरां, खोखों सहित कुछ वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। बादल फटने के बाद ब्यास नदी का जलस्तर एकाएक बढऩे से नदी किनारे रहने वाले लोग रातभर नहीं सो पाए। ब्यास नदी के सहायक नाले अंजनी महादेव, सेरी नाला, ब्यास व धुंधी सहित सभी नालों का जलस्तर उफान पर रहा। बाढ़ से बाहंग से गोशाल गांव सहित व सोलन गांव के लिए बनी अस्थायी पुलिया भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई।
वहीं, चढिय़ारी के पास नदी किनारे बनाए रेस्तरां में भी पानी और मलबा भर गया। पलचान के पूर्व प्रधान सुंदर ठाकुर ने बताया कि ब्यास नदी का पानी पलचान पुल को छू रहा था। उन्होंने प्रशासन को सूचना देने के साथ-साथ लोगों को भी सतर्क किया। प्रशासन ने ब्यास नदी में बाढ़ आने की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की मदद से सायरन बजाते हुए बाहंग से पतलीकूहल तक नदी किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क किया। हालांकि बाढ़ से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है लेकिन पुलियों के बह जाने से ग्रामीणों की दिक्कत्तें बढ़ गई हैं। एसडीएम मनाली डा. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि बाढ़ से दो पुलिया बह गई है। ग्रामीणों की सुविधा के लिए अस्थायी पुलिया का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने घाटी के लोगों से आग्रह किया कि बारिश में बिना वजह घरों से बाहर न निकलें।

Gulabi Jagat
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