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शिमला
बिजली बोर्ड ने प्रदेश भर में एक दर्जन सब-डिवीजन को मॉडल बनाया है। इन सब-डिवीजन में बिजली की गुणवत्ता में सुधार होगा और आने वाले एक साल में सभी उपभोक्ताओं के लिए बोर्ड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी में है। बोर्ड इन सब-डिवीजन में बिजली की गुणवत्ता के सुधार पर अतिरिक्त प्रयास करेगा। मॉडल सब-डिवीजन का फैसला विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर लिया गया है। सभी मॉडल सब-डिविजन में अधिकारियों के प्रबंध सब -डिवीजन से जोन स्तर तक रहेंगे। इन मॉडल सब -डिवीजन में बिजली की सप्लाई बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। आगामी एक साल में इन सभी मॉडल सब-डिवीजन में बिजली के नए मीटर स्थापित कर लिए जाएंगे। विद्युत सप्लाई की गुणवत्ता के सुधार को लेकर ठीक एक साल बाद रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग में पेश करनी होगी।
जिन सब-डिवीजन को मॉडल बनाया गया है उनमें दक्षिण जोन में शिमला सर्किल के छोटा शिमला, सोलन के बरोटीवाला, नाहन के पांवटा साहिब, रोहड़ू के सरस्वती नगर, रामपुर के सब-डिवीजन रामपुर, सेंट्रल जोन में मंडी सर्किल में सब-डिवीजन मंडी-2, कुल्लू में सब-डिवीजन कुल्लू-2, बिलासपुर में सब -डिवीजन बिलासपुर-2, हमीरपुर में सब-डिवीजन हमीरपुर-2 जबकि उत्तरी जोन कांगड़ा सर्किल के सब -डिवीजन धर्मशाला-एक, डलहौजी सर्किल के सब -डिवीजन चंबा-एक, ऊना जोन के सब-डिवीजन ऊना-एक को मॉडल डिवीजन बनाया गया है। इन सभी जोन में अब स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, ताकि उपभोक्ताओं को ज्यादा सुविधाएं मिल सकें।
बिजली व्यवस्था पर होगा सुधार
प्रदेश में स्मार्ट मीटर की पहल दो शहरों में की गई थी। इनमें धर्मशाला और शिमला के उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। अब इस कड़ी को बोर्ड आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के दूसरे सब-डिवीजन को जोडऩे की तैयारी कर रहा है। इस तैयारी में 12 सब-डिवीजन स्मार्ट बनाए गए हैं। इन सब डिवीजन में बिजली के सुधार पर भविष्य में अतिरिक्त बजट भी खर्च किया जाएगा।
बार-बार बिजली जाने का झंझट खत्म
बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल ने बताया कि बिजली बोर्ड आगामी एक साल में प्रदेश के 12 सब -डिवीजन पर विशेष ध्यान देते हुए काम करेगा। इस कड़ी में इन सभी सब-डिवीजन में उपभोक्ता स्मार्ट मीटर का इस्तेमाल करेंगे। उन्हें बिल चुकाने के लिए कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने होंगे। इसके साथ ही लो वोल्टेज या बार-बार बिजली जाने की समस्या भी जड़ से खत्म हो जाएगी। विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर आगामी एक साल में इन्हें अमल में लाया जाएगा।
Gulabi Jagat
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