हिमाचल प्रदेश

12 गडरिये किए रेस्क्यू, 1200 भेड़-बकरियां सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाई

Shantanu Roy
17 July 2023 9:30 AM GMT
12 गडरिये किए रेस्क्यू, 1200 भेड़-बकरियां सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाई
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काजा। स्पीति की पिन वैली से भावा दर्रा की तरफ भारी बारिश और बर्फबारी के कारण फंसे हुए 12 गडरियों को रैस्क्यू कर लिया गया है। इसके साथ ही फंसी हुईं 1200 भेड़-बकरियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने निरीक्षण किया तो करीब 400 भेड़ों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 भेड़ें अभी लापता हैं। अतिरिक्त उपायुक्त लाहौल-स्पीति राहुल जैन ने कहा कि चंद्रताल में फंसे हुए एक गडरिये को छोड़ कर सभी को रैस्क्यू कर लिया गया है।
14 जुलाई को स्थानीय लोगों की मदद से एक रैस्क्यू टीम ने कुजुंम टॉप और चंद्रताल में फंसे इन लोगों को चारा, दवाइयां और राशन मुहैया करवाया। दूसरी टीम पिन वैली में सगनम घाटी में फंसे हुए रूपी गांव जिला किन्नौर के गडरियों के समूह को रैस्क्यू करने के लिए गई थी। यहां पर सूचना मिली कि 8 और गडरिये फंसे हुए हैं उन्हें भी दवाइयां राशन और चारा मुहैया करवाया गया। तीसरी रैस्क्यू टीम मुद गांव से सुबह 4 बजे लापता हुए 6 गडरियों को ढूंढने के लिए रवाना हुई, जोकि रामपुर क्षेत्र के गांव कूट से संबंध रखते थे।
मूद से 17 किलोमीटर दूर भावा पास के नजदीक 2 नालों के बीच में 1100 के करीब भेड़-बकरियां फंसी हुई थीं। इसके बाद रैस्क्यू टीम ने नालों के प्रवाह को बदला और भेड़-बकरियों को रैस्क्यू किया। करीब 4 घंटे बाद सारे गडरिये मुद गांव के पास पहुंच पाए। 15 जुलाई को एसडीएम काजा हर्ष नेगी ने स्वयं मौके का निरीक्षण किया तो पाया कि बड़ा बल्दर में छोटा पुल पूरी तरह से टूट चुका है। इस वजह से 1500 से 2000 भेड़-बकरियां फंसी हुई हैं, वहीं शाहा में पुल टूट चुका है जिसकी मुरम्मत तुरंत की जानी है।
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