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119 की मौत, हिमाचल में लंपी त्वचा रोग की चपेट में 3,022 पशु
न्यूज़क्रेडिट: आजतक
प्रदेश सरकार ने प्रदेश स्तर पर एक अन्य जिलों में एक-एक नोडल अफसर तैनात किया है, जो लंपी त्वचा रोग पर बराबर निगरानी रखे हैं। पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक स्तर के ये नोडल अधिकारी वायरस से प्रभावित पशुओं की जानकारी हर रोज सरकार को दे रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में लंपी त्वचा रोग की चपेट में अब तक 3,022 पशु आ चुके हैं और 119 पशुओं की मौत हो चुकी है। इस वायरस की सबसे ज्यादा मार गायों पर पड़ रही है और दो फीसदी भैंसों पर दिखा भी इसका असर है। सिरमौर में इस रोग से सबसे ज्यादा 47 पशुओं की मौत हुई है। 927 पशु रोग की चपेट में हैं। राज्य सरकार के पास बुधवार तक आई रिपोर्ट के अनुसार लंपी त्वचा रोग के कारण ऊना में 24, शिमला 28, सोलन 18, बिलासपुर में 2 पशुओं की मौत हो चुकी है। लाहौल-स्पीति, कुल्लू, किन्नौर, चंबा में लंपी त्वचा रोग का असर फिलहाल नहीं दिखा है।
प्रदेश और जिलों में तैनात कि ए नोडल अफसर
प्रदेश सरकार ने प्रदेश स्तर पर एक अन्य जिलों में एक-एक नोडल अफसर तैनात किया है, जो लंपी त्वचा रोग पर बराबर निगरानी रखे हैं। पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक स्तर के ये नोडल अधिकारी वायरस से प्रभावित पशुओं की जानकारी हर रोज सरकार को दे रहे हैं। जहां से वायरस के फैलने की शिकायत मिल रही है, वहां पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं का वैक्सीन लगाई जा रही है। विभाग के निदेशक डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि लंपी त्वचा रोग से कमजोर पशु ज्यादा मर रहे हैं। जहां यह वायरस फैला है, वहां पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है। वायरस से प्रभावित पशुओं को अलग रखने की सलाह दी जा रही है।
जांच रिपोर्ट को लंबा इंतजार
प्रदेश से लंपी त्वचा रोग की जांच के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से एक अगस्त को भोपाल लैब में भेजे खून के नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं पहुंची है। एक ही लैब पर हिमाचल सहित देश के अन्य राज्य भी नमूनों की जांच के लिए पूरी तरह से निर्भर हैं।
दो दवा कंपनियों से मंगाई जा रही वैक्सीन
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार लंपी त्वचा रोग से निपटने के लिए उपयुक्त मात्रा में दो दवा उत्पादक कंपनियों से वैक्सीन मंगवाई जा रही है।