हिमाचल प्रदेश

1134 करोड़ के विश्व बैंक पोषित बागवानी विकास प्रोजैक्ट को मिली एक साल की एक्सटैंशन

Shantanu Roy
5 Jun 2023 9:14 AM GMT
1134 करोड़ के विश्व बैंक पोषित बागवानी विकास प्रोजैक्ट को मिली एक साल की एक्सटैंशन
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शिमला। हिमाचल प्रदेश में 1134 करोड़ के बागवानी प्रोजैक्ट को एक साल की एक्सटैंशन मिल गई है। विश्व बैंक ने इसके लिए औपचारिक मंजूरी प्रदान कर दी है। यह प्रोजैक्ट 30 जून को समाप्त हो रहा है लेकिन अब यह जून, 2024 को समाप्त होगा। इससे इस प्रोजैक्ट के एक्सटैंशन का इंतजार समाप्त हो गया है। जानकारी है कि प्रोजैक्ट के तहत अभी भी करीब 250 करोड़ रुपए खर्च करने शेष हैं। ऐसे में विश्व बैंक से एक्सटैंशन की अनुमति मिलने के बाद प्रोजैक्ट के तहत बचे कार्य पूरे हो सकेंगे। प्रदेश सरकार इस प्रोजैक्ट को एक साल के लिए एक्सटैंशन के लिए प्रयास कर रही थी। 2 माह पूर्व हिमाचल आई विश्व बैंक की टीम ने प्रोजैक्ट को 1 साल की एक्सटैंशन के लिए मौखिक सहमति प्रदान कर दी थी। प्रोजैक्ट को एक्सटैंशन मिलने से विकसित किए गए बुनियादे ढांचे का बेहतर ढंग से प्रयोग हो पाएगा।
प्रदेश में बागवानी विभाग 1134 करोड़ रुपए के विश्व बैंक प्रोजैक्ट के तहत अभी तक 30 लाख सेब के पौधों व रूट स्टॉक का आयात कर चुका है। इन पौधों व रूट स्टॉक को विभाग बागवानों को उपलब्ध करवा चुका है। प्रोजैक्ट के तहत इस साल भी अब तक स्टोन फ्रूट, बेरी, पलम व आड़ू आदि के पौधों का विदेशों से आयात किए हैं। 500 विभागीय अधिकारियों, 5000 से अधिक किसानों व बागवानों को विदेशी विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण प्रदान किया है, साथ ही 70 विभागीय अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया है। सप्लाई चेन में सुधार के लिए 7 नए सीए स्टोर स्थापित किए गए हैं। एक्सटैंशन के बाद प्रदेश सरकार ने विश्व बैंक वित्त पोषित बागवानी प्रोजैक्ट के शेष बचे कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रोजैक्ट के बचे हुए लक्ष्यों को एक साल के अंदर पूरा किया जा सके।
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