हिमाचल प्रदेश

भाजपा के समक्ष 11 तो कांग्रेस के सामने 13 की चुनौती, हिमाचल चुनाव में बगावत का विश्लेषण

Gulabi Jagat
26 Oct 2022 4:48 PM GMT
भाजपा के समक्ष 11 तो कांग्रेस के सामने 13 की चुनौती, हिमाचल चुनाव में बगावत का विश्लेषण
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शिमला, 26 अक्टूबर : हिमाचल के विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस की कई सीटों पर बगावत से नींद उड़ गई है। दोनों दलों के लगभग दो दर्जन उम्मीदवारों ने पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ पर्चा दाखिल किया है।
इस बगावत का मर्ज से बचने के लिए भाजपा और कांग्रेस दवा की तलाश में जुट गए हैं। दोनों दलों के धुरंधर नेता बागी उम्मीदवारों को मनाने की जिम्मेदारी संभालेंगे। भाजपा के सामने करीब 13 और कांग्रेस के समक्ष 11 विधानसभा सीटों पर खड़े बागियों को मनाने की चुनौती रहेगी। दरअसल बागियों के चुनाव मैदान में होने से भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के चुनावी समीकरण गड़बड़ा सकते हैं। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन औऱ कांगड़ा जिलों में भाजपा बगावत से जूझ रही है।
कांग्रेस की बात करें तो शिमला जिला, ऊना, सोलन, सिरमौर और मंडी जिलों में कई सीटों पर बागियों ने ताल ठोकी है। भाजपा ने बागियों को मनाने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रदेश प्रभारी अविनाश रॉय खन्ना को कमान सौंपी है। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बागियों को मनाने के लिए भाजपा हर सम्भव कोशिश करेगी। जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बागियों से बात कर सकते हैं। जेपी नड्डा और अनुराग ठाकुर के हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में बागियों की भरमार ने भाजपा की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। नड्डा के गृह जिले बिलासपुर की सदर सीट पर सुभाष शर्मा और झंडुता से राजकुमार कौंडल निर्दलीय चुनाव मैदान में डटे हैं।
वहीं, अनुराग ठाकुर के गृह जिले हमीरपुर की सदर सीट से उपाध्यक्ष नरेश दर्जी, भोरंज से पवन कुमार और बड़सर से संजीव शर्मा बागी हो गए हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले जसंवा परागपुर हल्के से आरएसएस से जुड़े संजय पराशर पार्टी उम्मीदवार के समीकरणों के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं।
इसके अलावा मंडी सदर से भाजपा नेता प्रवीण शर्मा ने पार्टी उम्मीदवार अनिल शर्मा के लिए खतरा पैदा कर दिया है। इसी तरह सोलन जिला के नालागढ़ में पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने भाजपा उम्मीदवार लखविंद्र राणा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मौजूदा विधायक लखविंद्र राणा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। इसी तरह कुल्लू से पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और बंजार से उनके बेटे हितेश्वर सिंह ने निर्दलीय उतरकर भाजपा को चिंता में डाला है।
उधर, कांग्रेस की ओर से प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी संजय टण्डन, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित अन्य बड़े नेता रूठों को मनाएंगे। कांग्रेस के बागियों में चौपाल से पूर्व विधायक सुभाष मंगलेट, ठियोग से पूर्व मंत्री जय बिहारी लाल खाची के बेटे विजय पाल खाची, पच्छाद से पूर्व विधायक गंगूराम मुसाफिर, बड़सर से प्रेम चंद कौशल, चिंतपूर्णी से पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार, अर्की से राजेंद्र ठाकुर, आनी से परसराम, रामपुर में विशेषर नेगी, सुलह से जगदीश सिपहिया, बिलासपुर सदर से पूर्व विधायक तिलक राज शामिल हैं।
राज्य की 68 विस सीटों पर 561 उम्मीदवारों ने नामांकन भरे हैं। नामांकन पत्रों की जांच 27 अक्टूबर को होगी, वहीं 29 अक्टूबर शाम पांच बजे तक नामांकन वापिस लिए जा सकेंगे। 12 नवम्बर को मतदान होना है। चुनाव परिणाम आठ दिसम्बर को घोषित होगा।
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