हिमाचल प्रदेश

सोलन में उगाई एक लाख रुपए किलो बिकले वाली मशरूम, अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में सबसे ज्यादा डिमांड

Renuka Sahu
13 Sep 2022 4:30 AM GMT
Mushrooms sold for one lakh rupees a kg grown in Solan, the highest demand in the international market
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न्यूज़ क्रेडिट : divyahimachal.com

खुंभ अनुसंधान निदेशालय सोलन ने मशरूम की एक ऐसी प्रजाति तैयार करने में सफलता हासिल की है, जिसकी कीमत एक लाख रुपए प्रति किलो है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। खुंभ अनुसंधान निदेशालय (डीएमआर) सोलन ने मशरूम की एक ऐसी प्रजाति तैयार करने में सफलता हासिल की है, जिसकी कीमत एक लाख रुपए प्रति किलो है। कीड़ा जड़ी (कोर्डिसेप) मशरूम को विकसित कर उत्पादकों को भी इसका प्रशिक्षण दिया गया है, जिसके बेहतरीन परिणाम सामने आ रहे हैं। इस औषधीय मशरूम की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में काफी डिमांड है और इसे सूखाने के बाद बेचा जाता है। शनिवार को डीएमआर में आयोजित राष्ट्रीय मशरूम मेले में भी कोर्डिसेप सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही और सभी इसकी जानकारी जुटाते रहे। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह मशरूम मनुष्य के शरीर में रोगों से लडऩे की ताकत को बढ़ाती है।

इसके साथ ही थकान मिटाने में व स्टेमिना बढ़ाने में भी यह कारगर है। यही कारण है कि चीन के खिलाड़ी इसे बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करते हैं। मशरूम मेले में अलगीगढ़ से आए लोकेश ने बताया कि उन्होंने कीड़ा जड़ी मशरूम लगाई है, लेकिन मशरूम लगाने के बाद अब इसकी मार्केट करना मुश्किल हो रहा है। डीएमआर विशेषज्ञों ने उन्होंने राय दी है कि कीड़ा-जड़ी मशरूम सबसे महंगी मशरूम है। उधर, पटना से आई उत्पादक जनक किशोरी ने बताया कि उन्होंने कोविड के बीच ऑनलाइन मशरूम उगाने का प्रशिक्षण लिया था। मार्केट के अनुसार कोर्डिसेप सबसे महंगी बिकने वाली मशरूम है। इसकी कीमत करीब एक लाख रुपए प्रति किलो है। निदेशालय द्वारा समय-समय पर कोर्डिसेप सहित अन्य मशरूम उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
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