हिमाचल प्रदेश

वन विभाग अब झरने के पानी से बुझाएगा प्यास, पायलट आधार पर पहली मर्तबा विभाग ने लांच किया प्रोजेक्ट

Renuka Sahu
12 April 2022 5:46 AM GMT
वन विभाग अब झरने के पानी से बुझाएगा प्यास, पायलट आधार पर पहली मर्तबा विभाग ने लांच किया प्रोजेक्ट
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फाइल फोटो 

वन विभाग पहली मर्तबा झरनों के पानी को सहेज कर लोगों की प्यास बुझाएगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वन विभाग पहली मर्तबा झरनों के पानी को सहेज कर लोगों की प्यास बुझाएगा। पायलट आधार पर इस प्रोजेक्ट के लिए 550 झरनों की पड़ताल की गई है। इनमें से 60 झरनों को प्रोजेक्ट के लिए उपयुक्त माना गया है और यहां आगामी दिनों में विभागीय और मनरेगा फंड से काम शुरू होगा। वन विभाग ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए करीब छह करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह पहली बार है, जब वन विभाग केवल पौधारोपण नहीं करेगा, बल्कि झरनों के पानी को सिंचाई और पेयजल के लिए इस्तेमाल करने पर जोर देगा। परिणाम बेहतर आने पर समूचे प्रदेश में इस प्रोजेक्ट को लांच किया जाएगा। फिलहाल, यह प्रोजेक्ट सोलन जिला में पायलट आधार पर शुरू किया गया है।

जिला मुख्यालय और नालागढ़ में पिछले छह महीनों से वन विभाग की टीम इन झरनों की जांच कर रही थी। अब यह जांच पूरी हो चुकी है। मनरेगा से भी जलसंरक्षण के लिए ट्रेंच खोदने की तैयारी की जा रही है। इन झरनों के जीर्णाेद्धार में मनरेगा फंड को लेकर ग्रामसभा की बैठकें पूरी हो चुकी हैं। वन विभाग इस शोध में बजट का प्रावधान कैंपा, राज्य योजना बजट, हरित भारत मिशन जैसे विभिन्न वित्त पोषण स्रोतों के तहत किया जाएगा। वन सर्किल में लगभग 400 से ज्यादा हेक्टेयर की सभी वनीकरण गतिविधियां इस वर्ष से शुरू होने वाले स्प्रिंगशेड पर
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