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रोहतक। जिले के गांव जसिया नीम स्थित छोटूराम धाम के छठे स्थापना दिवस समारोह पर अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने कार्यक्रम आयोजित किया। इस सम्मेलन में हरियाणा ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों से भी सैकड़ों लोग पहुंचे थे। इस दौरान समिति के संरक्षक व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक का दर्द छलक आया। उन्होंने अपने ऊपर लगे जाट आरक्षण के आंदोलन में इकट्ठा हुए चंदे को लेकर भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई देते हुए कहा कि मैं अपना बैंक बैलेंस दिखाने को तैयार हूं, लेकिन जाटों पर राजनीति करने वाले नेताओं की भी बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी देखी जानी चाहिए। मैंने तो इस संघर्ष के लिए 2006 मई अपने परिवार को त्याग दिया था। मैने पन्द्रह साल तक समाज के लिए काम किया उसके कुछ राजनीतिक लोगों ने साथ भी दिया और कुछ ने टांग भी खीचने का काम किया। उन्होंने कहा कि जब 2012 में केंद्र सरकार से समझौता हुआ था तो 2014 में आरक्षण क्यों लागू इतना समय क्यों लगा। जो लोग विरोध करने कर रहे पता नहीं किस राजनीतिक लोगों से जुड़े हुए उनका अपना एजेंडा है।
यशपाल मलिक ने इलाके के एक बड़े नेता पर आरोप भी लगाया कि उनके इशारे पर जब हिसार में जब लोग 2012 में आंदोलन में मरे थे। इस इलाके के लोग उनके साथ खड़े नहीं हुए थे। जब यह मरे तो इतना बढ़ा चढ़ा प्रचार प्रसार किया जा रहा है। यशपाल मलिक ने कहा कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं। वह बिल्कुल निराधार हैं। उन्होंने 2006 में जाटों के लिए संघर्ष की शुरुआत की थी और अपने परिवार को छोड़ दिया था वे अपना बैंक बैलेंस दिखाने को तैयार है, लेकिन जाटों के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं का बैंक बैलेंस और प्रॉपर्टी भी देखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की नई कार्यकारिणी बन चुकी है। वे अब इस कार्यकारिणी के साथ मिलकर काम करेंगे और जहां तक जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों केस झेल रहे लोगों की मदद की बात है तो अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने उनकी हर संभव मदद की है। हरियाणा सरकार ने अभी तक 2000 केस वापस लिए हैं और बाकी बचे केसों के लिए गृह मंत्री अनिल विज से मुलाकात की गई थी। उन्होंने कहा कि इस तरह से जाट समुदाय के लिए मदद करता रहूंगा।
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