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कनीना सामूहिक दुष्कर्म कांड में फैसला आ गया हैं, इसमें तीन मुख्य आरोपी दोषी करारे गए 5 को मिली जमानत

Teja
28 Oct 2021 2:23 PM GMT
कनीना सामूहिक दुष्कर्म कांड में फैसला आ गया हैं, इसमें तीन मुख्य आरोपी दोषी करारे गए 5 को मिली जमानत
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फाइल फोटो 

कोचिंग के लिए जा रही थी छात्रा

जनता से रिस्ता वेबडेसक | नारनौल जिले के कनीना के बहुचर्चित सामूहिक दुष्कर्म मामले में एडिशनल सेशन जज मोना सिंह की अदालत ने वीरवार को तीन मुख्य आरोपियों मनीष, पंकज व नीशु को दोषी करार दिया है। बाकी पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। तीन दोषियों को शुक्रवार को सजा सुनाई जाएगी। पीड़ित पक्ष की तरफ अधिवक्ता करण सिंह यादव ने निःशुल्क केस की पैरवी की थी। बता दें कि 12 सितंबर 2018 को पीड़िता अपने पिता के साथ स्कूल बस में सवार होकर कोचिंग के लिए आई थी।

कोचिंग के लिए जा रही थी छात्रा

बस स्टैंड से उतरकर अपने कोचिंग सेंटर जा रही थी। उस दौरान आरोपी पंकज तथा मनीष रास्ते में मिले। उन्होंने पीड़िता को पानी में नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर दिया और बाद में उसे एक गाड़ी में बैठाकर एक कुएं पर लेकर गए। जहां पर पंकज, मनीष और नीशू ने सामूहिक दुष्कर्म किया। गैंगरेप के बाद पीड़िता की हालत खराब हो जाने पर इन लोगों ने गांव के ही एक चिकित्सक संजीव को घटनास्थल पर बुलाया। चिकित्सक पीड़िता को प्राथमिक उपचार देकर मौके से चला गया।

ये लगी थीं धाराएं

इस मामले में ट्यूबवैल मालिक दीनदयाल पर धारा-118 व 120बी लगाई थी। संजीव पर धारा-118, नवीन पर 202 तथा अभिषेक व मनजीत को मनीष व पंकज को शरण देने यानी 216 के तहत चार्ज फ्रेम किया गया था।

यह बना मुख्य आधार

अधिवक्ता कर्ण सिंह यादव एवं अधिवक्त सुभाष यादव ने बताया कि उक्त मामले में अदालत के अंदर 33 गवाहों को पेश किया गया था। इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट में तीनों मुख्य आरोपियों का सीमन मैच हो गया। मेडिकल रिपोर्ट एंव गवाहों को आधार मानकर न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया है।

शुक्रवार को सुनाई जाएगी सजा

महिलाओं के विरुद्ध अपराध की स्पेशल कोर्ट की इंचार्ज एडिशनल सेशन जज मोना सिंह की अदालत ने तीन मुख्य आरोपियों मनीष, पंकज व नीशु को दोषी करार दिया है तथा बाकी पांच अन्य आरोपी दीनदयाल, संजीव, नवीन, अभिषेक, मंजीत को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। जिन पर आरोप नहीं था। न्यायाधीश ने सजा के लिए 29 अक्तूबर की तारीख तय की है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं चेयरमैन ने कर्ण सिंह यादव एडवोकेट को उपरोक्त केस की पैरवी पीड़ित पक्ष की तरफ से करने के लिए नियुक्त किया था। इसमें 33 गवाहों की गवाही करवाई थी। अदालत ने तीन मुख्य आरोपियों को दोषी करार दिया है। 29 अक्तूबर को सजा की तारीख तय की गई है। दोषियों को उम्र कैद की सजा दिलाने के लिए दलील करेंगे। पीड़िता को क्षतिपूर्ति दिए जाने की भी मांग करेंगे। पांच अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया गया है।

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