बाल संस्थान से दो बच्चे दीवार फांदकर हुए फरार, दिल्ली जाने वाली ट्रेन में नज़र में आए दोनों
हरयाणा क्राइम न्यूज़: रेवाड़ी में सामान्य अस्पताल के निकट बने बाल देखरेख संस्थान से शुक्रवार की रात को दो बच्चे दीवार फांदकर फरार हो गए। शनिवार सुबह जब दो बच्चे गायब मिले, तो संस्थान प्रबंधन में हड़कंप मच गया। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार दोनों बच्चे तड़के 3:20 बजे दीवार कूदकर भाग गए। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों में यह बच्चे यह 3 बजकर 55 मिनट पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन की खिड़की में नजर आए, जिसके बाद दिल्ली आरपीएफ और दूसरे स्टेशनों पर बच्चों के फरार होने की सूचना दी गई।
बाल देखरेख संस्थान आस्था कुंज के नाम से जाना जाता है। इस समय संस्थान में 31 बच्चे रह रहे थे। इनमें से एक 14 साल का झज्जर के सालावास का रहने वाला संदीप है, जबकि दूसरा पश्चिम बंगाल का रहने वाले 9 वर्षीय सोहेल है। दोनों बच्चे पहले भी बाल संरक्षण गृहों से फरार होने का रिकार्ड बना चुके हैं। जिला बाल कल्याण अधिकारी विरेंद्र यादव ने बताया कि रात के समय हाउस फादर जोगेंद्र की ड्यूटी थी। सुबह करीब सवा 3 बजे उसे बच्चों के कूदने की आवाज सुनाई दी, तो संदेह होने पर उसने बच्चों की गिनती शुरू की। दो बच्चे कम मिलने के बाद उसने अपने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। चाइल्ड वेल्फेयर सोसायटी ने दोनों बच्चों की तलाश करते हुए आरपीएफ से संपर्क साधा। आरपीएफ ने फुटेज देखने के बाद बताया कि दोनों बच्चे ट्रेन से दिल्ली की ओर रवाना हुए हैं। इस घटना के बाद चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट मैनेजमेंट में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
सिंगर बनने का सपना कर रहा भागने को मजबूर: मंजीत मुंबई के पाल घर से लेकर दिल्ली के बाल संरक्षण गृह तक से कई बार फरार हो चुका है। उसे 8 जुलाई को मुंबई के पाल घर से यहां भेजा था, ताकि वह अपने घर के पास ही रह सके। एक बार उसे महेंद्रगढ़ में रह रही उसकी बुआ के पास पहुंचा दिया गया था, जहां से वह पैसे लेकर फरार हो गया था। उसके भागने की आदत के कारण माता-पिता ने भी इस घटना की जानकारी दिए जाने के बाद कहा कि उनका इससे कोई लेनादेना नहीं है। संस्थान के स्टाफ व दूसरे बच्चों ने बताया कि मंजीत अक्सर कहता रहता था कि उसका सपना सिंगर बनना है। सिंगर बनने के लिए बार-बार मुंबई भाग जाता है, लेकिन उसे आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं मिल रहा।
कई ठिकाने बदल चुका सोहेल: सोहेल भी बाल संरक्षण गृहों से भागने का आदि हो चुका है। वह करनाल, कैथल और जींद के बाल संरक्षण गृहों में भी रह चुका है। इस समय वह पंजाब से 22 जून को यहां भेजा था। सोहेल की उम्र 9 साल है, परंतु वह कच्ची उम्र में फरार होने का पूरा तजुर्बा हासिल कर चुका है। फिलहाल चाइल्ड वेल्फेयर सोसायटी की ओर से दोनों बच्चों की तलाश शुरू कर दी गई है।