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हिसार। जिले की साइबर थाना पुलिस (Police) ने क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड पॉइंट्स को रिडीम कराने से जुड़ा मेसेज (एसएमएस) भेजकर एक लाख 86 हजार 140 रुपए ठगने के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार किए हैं. इस वर्ष छह अक्टूबर को दर्ज इस मामले में पकड़े गए इन आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया गया.
सहायक उप निरीक्षक राजाराम ने सोमवार (Monday) को बताया बताया कि नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से हिसार (Hisar) के साइबर थाना में इस वर्ष 16 अगस्त को हिसार (Hisar) के आदर्श नगर निवासी ओजस्वी माथुर द्वारा ठगी के संबंध में की गई शिकायत प्राप्त हुई. प्राथमिक जांच के दौरान ओजस्वी माथुर ने थाना साइबर में शिकायत दी कि वह ईएसपी सेफ्टी प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम (Gurugram)में सैल्स मैनेजर के तौर पर तैनात है और उसके पास आईसीआईसीआई बैंक (Bank) का क्रेडिट कार्ड है.घटना के दिन 16 अगस्त को ओजस्वी माथुर के मोबाइल पर का बल्क मैसेज एक लिंक के साथ आया.
लिंक पर क्लिक करते ही आईसीआईसीआई बैंक (Bank) की ऐप्लीकेशन खुल गई और उसमें मांगी गई सूचना जैसे अपना क्रेडिट कार्ड संख्या व कार्ड पर लिखी अन्य जानकारी ओजस्वी माथुर ने भर दी. सूचना भरते ही उसके मोबाइल पर एक लाख 13 हजार 736 रुपये, 22 हजार 848 रुपये व 49 हजार 556 रुपये कटने के मैसज आए. जैसे ही उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने क्रेडिट कार्ड बंद कराया और बैंक (Bank) के हेल्पलाइन नंबर व 1930 काल करके ठगी की शिकायत की.
सहायक उप निरीक्षक राजाराम के अनुसार आरोपी क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट को रिडीम कर कैश पाने के लिए एक यूआरएल लिंक के साथ बल्क मैसेज अनेक मोबाइल नंबर पर भिजवाते हैं. जब मोबाइल उपयोगकर्ता उस मैसेज में आए यूआरएल लिंक पर क्लिक करता है तो वेब ब्राउजर में संबंधित बैंक (Bank) की असल दिखने वाली जैसी वेबसाइट के साथ नई टैब खुलती है..
मोबाइल उपयोगकर्ता द्वारा जो भी डिटेल लिंक के माध्यम से खुली नई टैब पर भरते है वो इन धोखेबाजों के पास पहुंच जाती है और साथ ही फोन पर आने वाले सभी मैसेज और फोन कॉल्स आदि पर भी इनका नियंत्रण हो जाता हैं. जैसे ही कार्ड डिटेल इनके पास पहुंचती है ये पेटीएम पर उस कार्ड को एड कर रेंट पेमेंट के नाम से ट्रांजेक्शन करते है और फोन पर आने वाला ओटीपी भी इन्हे दिखाई देता है जिससे वो ट्रांजेक्शन पूरी हो जाती है. ये यूआरएल फोन के अंदर बैकग्राउंड में काम करते है.
पुलिस (Police) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी ठगी के लिए अन्य व्यक्तियों की भी सहायता लेते है. इन्होंने एक यूआरएल के जरिए अलग-अलग बैंको की असल वेबसाइट की तरह दिखाई देने वाली फर्जी वेबसाइट बना रखी है. ये अपने किसी अन्य साथी को अलग-अलग बैंक (Bank) के क्रेडिट कार्ड धारकों को बल्क मैसेज भेजने के लिए कहते हैं जो आगे क्रेडिट कार्ड धारकों को वेबसाइट के यूआरएल लिंक के साथ बल्क मैसेज भेजता है.
सहायक उप निरीक्षक राजाराम ने बताया कि आरोपी लिंक के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम देते है. आरोपियों ने पहले भी ठगी की वारदातें की है. आरोपियों को पकड़ने वाली टीम में उप निरीक्षक सौरभ सिंह, एएसआई राजाराम, मुख्य सिपाही प्रदीप कुमार, मुख्य सिपाही अनिल कुमार व सिपाही गुलाब सिंह शामिल है. उन्होंने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
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