हरियाणा

पिता की याद में लगाई पेड़ त्रिवेणी से हर दिन मिल रहा आशीर्वाद

Gulabi Jagat
2 July 2022 3:18 PM GMT
पिता की याद में लगाई पेड़ त्रिवेणी से हर दिन मिल रहा आशीर्वाद
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पेड़ त्रिवेणी से हर दिन मिल रहा आशीर्वाद
झज्जर। एक पेड़ एक जिंदगी जैसी भावना से अगर हम हर पेड़ से अपना जुड़ाव बनाएंगे तो बेशक ही समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी निभा पाएंगे। बस इसी सोच को केंद्र में रखते हुए हर दफा पौधारोपण करते हुए दूसरों को भी जोड़ने का प्रयास किया। हम बात कर रहे है नप के पूर्व चेयरपर्सन सोहन सिंह गुर्जर का।
करीब 10 साल पहले अपने पिता अमर सिंह की याद में त्रिवेणी लगाने वाले सोहन सिंह बताते है कि पर्यावरण तेजी से बिगड़ रहा है। जिसे बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ सरकारों पर नहीं, बल्कि हम सभी की है। ऐसे में हर व्यक्ति पौधारोपण कर अपना योगदान दे सकता है।
त्रिवेणी जरूर लगाते हैं
सोहन सिंह बताते है कि वे जिस भी धार्मिक यात्रा पर जाते है, वहां पर त्रिवेणी जरूर लगाते हैं। संरक्षण के लिए विशेष तौर पर किसी की जिम्मेवारी लगाकर आते हैं, इसके लिए यह प्रयास करते है कि निरंतर संपर्क में रहते हुए हर त्रिवेणी का ध्यान रखा जाए। क्योंकि, त्रिवेणी की सार्थकता जीवन में सदैव हमें गति मान बनाए रखती है। इसीलिए, युवा वर्ग को विशेष तौर पर पौधारोपण से जुड़ना चाहिए, परिवार से जुड़े लोगों की याद में लगाना चाहिए।
आए देखें त्रिवेणी क्या है?
ये तीन पेड़ (बड़, नीम, पीपल) जब त्रिकोण आकार में लगाते हैं। थोड़ा बढ़ने पर (6 या 7 फुट) इनको आपस में मिला देते हैं। जब इनका संगम हो जाता हैं तो ही यह त्रिवेणी कहलाती है। त्रिवेणी को खुले एवं सार्वजनिक स्थानों पर ही लगाया जाता है। जब त्रिवेणी लगाते हैं तो धरती मां से उल्लास छलकता हुआ महसूस होता हैं। त्रिवेणी एक साधारण वृक्ष ना होकर इसका आध्यात्मिक महत्व है। त्रिवेणी में ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का वास माना गया है। त्रिवेणी को लगाने, लगवाने या किसी भी तरह इसकी सेवा करने से समस्त देवता एवं पितृ स्वत: ही पूजित हो जाते हैं।
मांगलिक कार्य में होता है यज्ञ का आयोजन
कहा जा सकता है कि यह पूर्वजों के निमित होने वाला बड़ा कृत्य बन जाता है। जैसा की आप सभी को विदित है कि हमारे यहां जब भी कोई मांगलिक कारज करते हैं तो यज्ञ का आयोजन किया जाता है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सके और समस्त वातावरण शुद्ध हो जाए। इसी भांति त्रिवेणी को शास्त्रों में स्थायी यज्ञ की संज्ञा दी गयी है, जहां भी त्रिवेणी लगी होती है वहां हर पल हर क्षण सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बहता है।
तपस्वियों की तपस्थली है त्रिवेणी
तपस्वियों की तपस्थली है यह त्रिवेणी। इसमें समस्त देवी देवताओं और पितरों का वास माना जाता है। हर वो इंसान जो श्रद्धा भाव से, आध्यात्मिक भाव से त्रिवेणी लगाता है या लगवाता है या इसका पालन पोषण करता है उसका कोई भी सात्विक कर्म विफल नहीं होता है।
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