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श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक अस्पताल में आयुर्वेदिक थेरेपी से ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज संभव

Admin Delhi 1
16 Sep 2022 1:08 PM GMT
श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक अस्पताल में आयुर्वेदिक थेरेपी से ऑस्टियोआर्थराइटिस का इलाज संभव
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कुरुक्षेत्र स्पेशल न्यूज़: घुटनों का दर्द गंभीर बीमारी का रूप लेती जा रही है। बुजुर्ग के साथ नौजवान पीढ़ी भी ऑस्टियोआर्थराइटिस बीमारी की चपेट में आ रहें है। प्रारंभिक दौर में अगर इस बीमारी के लक्षण पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव है वरना डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन की ही सलाह दी जाती है। मगर श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के आयुर्वेदिक अस्पताल में ऑस्टियोआर्थराइटिस का आयुर्वेदिक थेरेपी से सफल इलाज किया जा रहा है।

मथाना गांव निवासी गुरु चरण सिंह हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत हैं। जो दो साल पहले ऑस्टियोआर्थराइटिस (घुटनों का दर्द) की बीमारी से पीड़ित थे। घुटनों में दर्द की वजह से उसको चलने-फिरने और उठने-बैठने में काफी परेशानी होने लगी थी। उन्होंने बताया कि में स्पोर्ट्स कोटे से हरियाणा पुलिस में भर्ती हुआ था। खिलाडि़यों को लगातार खेलने की वजह से शरीर संबंधी दुष्परिणाम भी रहते हैं। मगर साल 2020 में जिम में व्यायाम करते समय मेरे दोनों घुटनों के एसिएल और लिगामेंट टूट गए थे। शहर और दूसरे प्रान्तों के कई बड़े डॉक्टरों को दिखाया। सभी ने ऑपरेशन की सलाह दी। सर्जरी का खर्च भी बहुत ज्यादा था। तो किसी से श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय और अस्पताल में ऑस्टियोआर्थराइटिस के इलाज का पता चला। पंचकर्म विभाग के डॉक्टरों द्वारा चार महीने पंचकर्म थेरेपी और आयुर्वेदिक औषधियां दी गई। अब मेरे दोनों घुटने स्वस्थ हैं पहले की तरह ही व्यायाम और खेल पा रहा हूं। थोड़ी रीढ़ की हड्डी की समस्या हैं डिस्क के रोग का भी आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से इलाज चल रहा है। जो 90 प्रतिशत ठीक हो चुका है।

कृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के पंचकर्म विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. राजा सिंगला ने बताया कि घुटनों का दर्द आम समस्या बनती जा रही है। देश का हर तीसरा व्यक्ति ऑस्टियोआर्थराइटिस की बीमारी से पीड़ित है। महिलाओं में यह बीमारी ज्यादा मिलती है। हालंकि इस बीमारी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी और डी लेना चाहिए। जो दूध, घी, अंडे व खट्टे फलों से मिलता है।

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