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गुरुग्राम: हरियाणा के गुरुग्राम में एक घर के सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान दम घुटने से एक सफाई कर्मचारी और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई. पुलिस ने कहा कि दोनों लोग सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए बिना किसी सुरक्षा उपकरण के घुस गए थे. जहरीली गैस के कारण उनका दम घुटने लगा और वह बेहोश हो गए. उन्हें टैंक से बाहर निकालने के बाद अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
दरअसल जहरीली गैस से मौत का यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर 37 थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर झाड़सा गांव का है. पुलिस ने कहा कि मृतकों की पहचान आगरा के दिलीप (45) और स्थानीय दर्जी शाहबुद्दीन (29) के तौर पर की गई है.
बाहर निकालने में लगा चार घंटे का समय
पुलिस के मुताबिक, मृतकों के परिवारों ने आरोप लगाया कि दोनों की हत्या की गई है और उन्होंने घर के मालिक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं शिकायत पर पुलिस ने यहां सेक्टर 37 थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-304 ए (लापरवाही के कारण मौत) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है. वहीं दमकल अधिकारी ने बताया कि पीड़ितों को सेप्टिक टैंक से बाहर निकालने में लगभग चार घंटे का समय लगा. जांच अधिकारी सहायक पुलिस उप-निरीक्षक जसवंत सिंह ने कहा कि घटना के संबंध में दर्ज मामले की जांच की जा रही है.
जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत
बता दें, गांव मोहम्मदपुर-झाड़सा निवासी शाहबुद्दीन टेलर का काम करता था, जबकि दिलीप कूड़ा-कचरा उठाता था. परिजनों का आरोप है कि रविवार की शाम को गांव के ही रहने वाले भीम नाम के शख्स ने दोनों को पैसों का लालच देकर सफाई के लिए सेप्टिक टैंक में उतार दिया. इसी दौरान जहरीली गैस की चपेट में आकर दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिलीप और शाहबुद्दीन देर शाम तक जब घर नहीं लौटे तो परिजनों ने तलाश शुरू की. इस बीच परिजनों को पता चला कि दोनों सफाई के लिए सेप्टिक टैंक में उतरे थे.
परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
सूचना के बाद प्रशासन, दमकल, पुलिस और नगर निगम की टीमें तत्काल मौके पर पहुंची. वहीं लगभग 4 घंटे से अधिक समय तक कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को बाहर निकाला गया. इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजनों का आरोप है कि दोनों की मौत नहीं हुई, बल्कि हत्या की गई है.
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