![सुरक्षित नहीं ट्रेनों का सफर, 15 महीनों में 471 वारदात सुरक्षित नहीं ट्रेनों का सफर, 15 महीनों में 471 वारदात](https://jantaserishta.com/h-upload/2024/04/15/3669944-tara.webp)
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अंबाला। हाइटेक हो रही रेल सुरक्षा के मामले में फिसड्डी साबित हो रही है। इसका खुलासा अंबाला रेल मंडल के अधीन अंबाला के जीआरपी थाने में दर्ज मामलों से पता चलता है। पिछले 15 माह में जीआरपी थाने में 471 एफआईआर दर्ज की गई हैं। हैरानी की बात है कि इसमें आधे से अधिक यानी करीब 295 मामले अकेले चोरी से जुड़े हुए हैं, जबकि छीना-झपटी के सिर्फ 20 के करीब मामले हैं।
150 मामले सुलझे, आधे लंबित
पिछले साल छावनी के जीआरपी थाने में 382 एफआईआर दर्ज की थी। इसमें से 257 एफआईआर ट्रेनों में चोरी और 20 स्नैचिंग की थी। इसी प्रकार इस वर्ष बीते तीन महीनों में जीआरपी थाने में अभी तक 89 एफआईआर दर्ज की हैं और चोरी की एफआईआर लगभग 40 के करीब हैं। मामले दर्ज करने के बाद 15 माह में जीआरपी ने 150 मामले सुलझा दिए हैं जबकि 145 लंबित हैं।
वातानुकूलित कोचों में अधिक चोरी
जीआरपी थाने में दर्ज मामलों में सबसे ज्यादा एफआईआर वातानुकूलित कोच से जुड़ी हुई हैं, जिसे यात्री सबसे सुरक्षित मानते हैं। इन कोचों से कभी आईफोन, कभी गहनों और नकदी से भरा बैग चोरी हो जाता है। वहीं, अगर यात्री चार्जिंग प्वाइंट पर मोबाइल लगाकर सो गया तो उसका मोबाइल नहीं मिलता। अब चोरों ने लेडिज पर्स के अलावा यात्रियों के कपड़े और दूसरे सामान से भरे ट्राली बैग को भी चोरी करना शुरू कर दिया है।
सैकड़ों मामले 32 कर्मचारियों के सहारे
उत्तर रेलवे अंबाला मंडल के सबसे महत्वपूर्ण व संवेदनशील रेलवे स्टेशन से मौजूदा समय में 300 से अधिक ट्रेनों का आवागमन हो रहा है और यात्रियों की संख्या भी 50 हजार से अधिक है। त्योहार के सीजन में ये संख्या एक लाख के पार हो जाती है जबकि ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीआरपी के पास मुट्ठी भर कर्मचारी हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जीआरपी थाने के पास मौजूदा समय में 45 कर्मचारी कार्यरत हैं जोकि तीन शिफ्टों में कार्यरत हैं। इनमें से 13 एसपीओ हैं यानी जीआरपी के पास मात्र 32 कर्मचारी हैं, जिनके सहारे सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
एक जांच अधिकारी के पास 20 से 25 मामले
मौजूदा समय में जीआरपी के पास सात जांच अधिकारी हैं और प्रत्येक के पास 20 से 25 मामले हैं। इस दौरान ऐसे मामलों को अनसुलझा घोषित कर दिया जाता है, जिन्हें 90 दिन से अधिक समय हो जाता है। बाकायदा इसके लिए जांच अधिकारी को विस्तृत रिपोर्ट उच्चाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करनी पड़ती है कि उसने मामला दर्ज होने के बाद से क्या-क्या कार्रवाई 90 दिनों के भीतर की है।
वर्ष 2023 के मामले
वर्ष 2023 में कुल 382 मामले दर्ज हुए थे। इसमें से चोरी के 257, स्नैचिंग के 20, शराब तस्करी में एक्साइज एक्ट के तहत 19, एनडीपीएस एक्ट के तहत 27, आर्म्स एक्ट के तहत 2, सुसाइड नोट के तहत 3, हत्या का एक सहित अन्य जुआ खेलने, रेलवे एक्ट व ट्रेन दुर्घटनाओं के मामले दर्ज किए गए थे।
जीआरपी प्रभारी धर्मवीर सिंह से सीधी बात
प्रश्न : ट्रेनों में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, अधिकतर में आरोपी पकड़ से बाहर हैं?
जवाब- चोरी दूसरे थाना क्षेत्र में होती है, लेकिन यात्री अंबाला कैंट का नाम लेता है। जब पूछताछ होती है और मोबाइल सर्विलेंस पर लगाया जाता है तो मामला पंजाब या यूपी का निकलता है। हम मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर देते हैं। कुछ मामलों में कामयाबी भी मिली है, कुछ की जांच चल रही है।
प्रश्न : ट्रेनों में सुरक्षाकर्मियों की क्या स्थिति है?
जवाब : हमने चार ट्रेनों में सुरक्षा कर्मचारी तैनात किए हैं। अन्य में आरपीएफ की गश्त है। कर्मचारियों की कमी की वजह से सभी ट्रेनों में टीम तैनात नहीं कर पा रहे हैं।
प्रश्न : रेलवे यार्ड में पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं?
जवाब : सीसीटीवी को लेकर कई बार रेलवे को मौखिक और लिखित तौर पर जानकारी दी गई है। बावजूद इसके अभी तक रेलवे यार्ड में सीसीटीवी कैमरे नहीं लग पाए हैं। क्योंकि अधिकांश घटनाएं रेलवे यार्ड में ही होती हैं।
प्रश्न : क्या अंबाला छावनी आने वाली ट्रेनों में कोई चोरी करने वाला गैंग सक्रिय है?
जवाब : यह काम नशा करने वालों का है। कुछ पहले पकड़े आरोपियों से इस संबंध में खुलासा हुआ था। यह लोग अपने नशे की पूर्ति के लिए ट्रेनों में लोगों के सामान को निशाना बनाते हैं।
प्रश्न : अंबाला छावनी से नशा तस्करी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं?
जवाब : नशा तस्करी के लिए सीआईए की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले स्टेशनों से ही टीम ट्रेन में चढ़ जाती है और तस्करों की धरपकड़ कर रही है।
वर्जन
ट्रेनाें में चोरियां न हों, इसके लिए योजना तैयार की जा रही है। कुछ ट्रेनों में सुरक्षा कर्मचारी तैनात भी किए गए हैं। आरोपियों को पकड़ने की जिम्मेदारी जीआरपी की है। हमारा प्रयास रहता है कि सफर के दौरान यात्री को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
नवीन कुमार, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक।
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Tara Tandi
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