हरियाणा
दिवाली पर पटाखों पर बैन लगने से कारोबारियों में छाई मायूसी, सरकार से लगा रहे गुहार
Shantanu Roy
3 Nov 2021 12:05 PM GMT
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दिवाली (Diwali 2021) हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, बच्चों से लेकर बड़े तक इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते है. रौशनी के इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग पूजा-पाठ करते हैं.
जनता से रिश्ता। दिवाली (Diwali 2021) हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, बच्चों से लेकर बड़े तक इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते है. रौशनी के इस त्यौहार को मनाने के लिए लोग पूजा-पाठ करते हैं. यही नहीं त्यौहार पर खुशी को जाहिर के लिए पटाखे भी जलाते हैं. हालांकि पिछले 2 साल से पटाखों पर जारी बैन अब की बार भी जारी है. इस बार प्रदेश के 14 जिलों में सरकार (Firecracker crackers banned in 14 districts of Haryana) ने पटाखे पर बैन लगा हुआ है. वहीं इस वजह से पटाखे बेचने वाले दुकानदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो आइए जानते हैं पटाखों पर बैन लगने पर क्या दुकानदारों का क्या कहना है.
पटाखा विक्रेता चेतन ने कहा कि उसने लगभग एक लाख रुपये तक के पटाखे खरीदे हैं, लेकिन बैन लगने की वजह से उसे पटाखे वापस करने पड़े. इससे उनको काफी नुकसान हुआ है. कुछ पटाखे वापस हो गए जबकि कुछ डीलर ने लेने से मना कर दिया. ऐसे में मंदी की मार झेल रहे पटाखा विक्रेता के साथ-साथ जो पटाखे का काम कर रहे हैं उनको भी सरकार की इस गलत नीति से काफी नुकसान हो रहा है. सरकार को कुछ समय के लिए पटाखे चलाने की अनुमति दे देनी चाहिए, ताकि दुकानदार को नुकसान ना हो.
पटाखा व्यापारी नवीन ने कहा कि सरकार ने एकदम से यह निर्णय लिया है जिससे पटाखा व्यापारी एकदम से कर्ज में डूब गया है. उन्होंने लाखों रुपए के पटाखों में निवेश किए हैं और एकदम से सरकार ने बैन कर दिया, सरकार का ये व्यापारियों की कमर तोड़ने जैसा है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को ऐसा काम करना है तो समय रहते ही आदेश देने चाहिए जिसके चलते पटाखे बनाने के काम को ना किया जाए.
वहीं करनाल के रहने वाले धर्मवीर ने कहा कि दिवाली हमारा प्रमुख त्योहार है. प्रशासन ने एकदम से पटाखा चलाना दिवाली पर बैन कर दिया इससे काफी निराशा हुई. उन्होंने कहा कि वह पटाखे खरीद के घर भी ले आए हैं और अब बंद कर दिया है. कहीं ना कहीं आम आदमी को नुकसान तो है ही साथ में पटाखा व्यापारियों को भी सरकार ने नुकसान पहुंचाने का काम किया है. जबकि सरकार को चाहिए कि जिस तरीके से 2 साल से करोना में मंदी पड़ी हुई थी उससे उबरने के लिए पटाखा चलाने की अनुमति दे देनी चाहिए थी.
वहीं एक अन्य दुकानदार का कहना है कि हमने इस बार काफी उम्मीदों से पटाखे खरीद कर लाए हैं. सोचा कि इस बार दिवाली पर पटाखों की अच्छी सेल होगी. लेकिन सरकार के पाबंदी लगाने के बाद उनके अरमानों पर पानी फिर गया है जिससे उनको काफी नुकसान भी हो रहा है
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