रेवाड़ी साइबर क्राइम न्यूज़: साइबर ठगी के मामलों में कमी लाने के लिए पुलिस से लेकर बैंकों तक की ओर से लोगों को जागरूकता का पाठ निरंतर पढ़ाया जा रहा है। इसके बावजूद लोग साइबर ठगों के 'माइंड गेम' का शिकार होकर अपने बैंक खाते खाली करा रहे हैं। ठगी की दो घटनाओं में एक महिला को उसके खाते में बीमा राशि ट्रांसफर करने, तो एक व्यक्ति को केवाईसी करने के नाम पर लाखों रुपए का चूना लगा दिया। पुलिस ने दोनों की शिकायतों पर केस दर्ज करने के बाद जांच शुरू कर दी।
केवाईसी के नाम पर 1.20 लाख की ठगी: मंदौला निवासी सुचेत कुमार ने पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया कि उसका बैंक खाता एसबीआई की मनेठी ब्रांच में है। उसके मोबाइल पर दो बार अलग-अलग नंबरों से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह रविप्रकाश वर्मा एसबीआई के मुम्बई कस्टमर केयर से बोल रहा है। उसके अकाउंट का केवाईसी नहीं हुआ है। अगर केवाईसी नहीं कराया गया, तो उसका खाता बंद हो जाएगा। साइबर ठग ने जब सुचेत को उसके खाते से संबंधित सारी जानकारी दी, तो उसे इस बात का विश्वास हो गया कि यह एसबीआई का प्रतिनिधि ही है। इसके बाद उसने मोबाइल पर आया ओटीपी भी उसे बता दिया। बाद में वह एटीएम बूथ पर पैसे निकलवाने के लिए गया तो उसके खाते में 85 रुपए की मिले। ठग ने उसके खाते से 1.20 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए। उसने इसकी सूचना पुलिस को दी।
इंश्योरेंस की रकम डालने के बहाने ठगा बारा हजारी वर्षा गुप्ता के मोबाइल पर एक फोन आया। फोन करने वाले उसे बताया कि उसके पिता के इंश्योरेंश के पैसे आए हुए हैं। पहले तो वर्षा ने उसकी बातों पर विश्वास नहीं किया, परंतु काफी देर तक बातों में उलझाए रखने के बाद वर्षा ने उसे बैंक खाते से संबंधित जानकारी दे दी। इसके बाद साइबर ठग ने उसका उसके दिल्ली के बुराड़ी पीएनबी खाते से नकदी उड़ाना शुरू कर दिया। चार बार में उसके खाते से 74 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। जब तक वर्षा को ठगी का पता चलता, तब तक ठग अपना काम कर चुका था। उसकी शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद पैसे ट्रांसफर करने वाले खाते की डिटेल हासिल करने के प्रयास शुरू कर दिए।