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हरियाणा: आजादी के पहले जिन कारों का देश की सड़कों पर राज था, अब वे लोगों के दिलों पर राज करती हैं. उनका रखरखाव भी किसी अमूल्य रत्न को संभालने जैसा ही है. इन विदेशी कारों को सड़कों पर देखकर लोगों की आंखें ठहर जाती हैं. जिन लोगों ने इन बेशकीमती कारों को संभालकर रखा है, उन्हें भी लोग सम्मान की नजर से देखते हैं. हाल ही में राजधानी दिल्ली से करनाल तक एक विंटेज कार रेली का आयोजन किया गया. यह रैली जहां-जहां से गुजरी, सैकड़ों-हजारों आंखों को अपना मुरीद बनाती चली गई.
डीएलएफ मॉल वसंत कुंज से करनाल के होटल नूरमहल पैलेस तक निकली विंटेज कार परेड में ब्यूक लिमोजिन से फॉक्स वैगन और रोल्स रॉयस की गाड़ियां शामिल थीं.
50 साल से भी ज्यादा पुरानी कारों को अपनी आंखों के सामने चलते देखकर लोग पलभर ठिठक कर रह जाते थे.
जिन लोगों ने विंटेज कारों को सड़क पर चलते देखा, वे गाड़ियों की तस्वीरों को सहेजने से नहीं चूके. नूरमहल होटल के FB पेज पर इन विंटेज कारों का वीडियो शेयर किया गया, वहां भी हजारों लोगों ने वीडियो पर अपना प्यार बरसाया है.
दिल्ली से करनाल तक निकली विंटेज कार रैली की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गईं.
लगभभग एक सदी का राजसी ठाठ
ब्रिटिश इंजीनियरिंग की नायाब विरासत वाली ब्यूक 90 एल लिमोजिन (1938) के मालिक मदन मोहन हैं. इसकी देखभाल दिलजीत टाइटस करते हैं. इसका इंटीरियर भव्यता से भरा है तो एक्टीरियर आर्टिस्टिक अंदाज में है. इसी तरह शमशेर सिंह शाहनी क्रिसलर प्लायमाउथ (1938) के मालिक हैं. इसे इन्होंने बहुत प्यार से संभाला है. यह शानदार कार खास स्टाइल से विकसित क्रिसलर की नवाचार की विरासत का एक प्रमाण है. उदय बहादुर और सूर्यवीर चौहान के स्वामित्व वाली 1954 बेंटले एस1, अपनी शाही उपस्थिति के साथ लोगों को रिझा रही थी.
हरदिली अजीज रोल्स रॉयस (1937) का खास अंदाज हमेशा से दुनियाभर के कारप्रेमियों की पसंद रही है. यह वह कार है जिसकी सवारी करना एक समय में हर किसी के जीवन का सपना हुआ करता था. करनाल के नूरमहल में इसे देखा जा सकता है. रैली में 16 पुनर्स्थापित विंटेज कारों के संग्रह, उनकी ऑटोमोटिव कलात्मकता की कहानी बयां की गई. यह रैली हर किसी के आकर्षण का केंद्र थी. विंटेज कार रैली का नेतृत्व 1937 रोल्स रॉयस 25/30 द्वारा किया गया.
विंटेज रत्नों में 1938 ब्यूक 90 एल लिमोसिन, 1938 क्रिसलर प्लायमाउथ, 1941 कैडिलैक सीरीज 62 कूप, 1947 बेंटले एमके 6 ड्रॉपहेड, 1954 बेंटले एस1, 1955 लैंड रोवर सीरीज वन, 1958 विलीज जीप शामिल रहीं. 1963 की फिएट 1100, 1972 की कैडिलैक सेडान डेविल, 1966 शेवरले इम्पाला, 1968 वोक्सवैगन बीटल वीडब्ल्यू1500, और 1969 की वोक्सवैगन बीटल भी शामिल थीं. इन कारों की खूबसूरत परेड 32 साल में पहली बार करनाल पहुंचीं. इससे पहले आगरा, उदयपुर, जयपुर और दिल्ली में ही इनका दीदार किया गया था.
Manish Sahu
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