हरियाणा

पानीपत के ये 7 विद्यालय भी शामिल, 916 सराकरी स्कूल दूसरे स्कूलों में हो सकते हैं मर्ज

Admin4
8 Aug 2022 4:24 PM GMT
पानीपत के ये 7 विद्यालय भी शामिल, 916 सराकरी स्कूल दूसरे स्कूलों में हो सकते हैं मर्ज
x

पानीपत: शिक्षा विभाग हेडक्वार्टर और सरकार द्वारा जिला स्तर पर शिक्षा अधिकारियों से ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई थी जिनमें 50 से कम बच्चे हों. यह भी जानकारी मांगी गई थी कि उस स्कूल के तीन किलोमीटर के दायरे में कौन का सरकारी स्कूल है. इस रिपोर्ट में पता चला है कि 29 मिडिल स्कूल और 6 हाई स्कूल ऐसे हैं, जिनमें 50 से कम बच्चे हैं. ऐसे में इन स्कूलों को मर्ज (Government schools Merger in Haryana) किया जा सकता है. खास बात यह है कि रिपोर्ट में 6 स्कूल ऐसे बताये गये हैं, जिनके 3 किलोमीटर के दायरे में कोई भी सरकारी स्कूल नहीं है. अब सवाल ये है कि इन स्कूलों के बच्चों के लिए क्या कोई अलग व्यवस्था बनाई जाएगी.सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों का काफी आभाव है. अधिकतर बच्चे निजी स्कूलों की ओर रूख करने लगे हैं. सरकारी स्कूलों में 80 प्रतिशत तक बच्चे जरूरतमंद या मध्यम वर्ग के होते हैं. किसी भी सरकारी कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षकों के बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते हैं. कोविड के दौरान सरकारी स्कूलों में दाखिले बढ़े थे. वहीं इस बार एडमिशन घट गये हैं. इस पर शिक्षा विभाग और सरकार मंथन कर रही है. इन स्कूलों को जल्द ही नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने का फैसला लिया जा सकता है.शिक्षक संघ का कहना है कि संसाधन और शिक्षकों की कमी पूरी करने के लिए स्कूल मर्ज करने की तैयारी है. प्राइमरी में 25 बच्चों पर एक शिक्षक होना जरूरी है, वहीं मिडिल में 35 बच्चों पर एक शिक्षक चाहिए. स्कूल मर्ज होने से सभी बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ेंगे तो शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर होगी.पानीपत जिले से ऐसे 7 स्कूलों के नाम दिये गये हैं जिनमे बच्चों की संख्या 50 से भी कम है. हलांकि स्कूल मर्ज करने से भी इस समस्या सा समाधान होने के हालात नहीं दिख रहे हैं. क्योंकि इन बच्चों को पढ़ने के लिए ज्यादा दूर दूसरे स्कूलों में जाना पड़ेगा, ऐसे में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या बढ़ सकती है. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों को भी जद्दोजहद करनी पड़ेगी. वहीं बहुत से स्कूल ऐसे हैं जिनके 3 किलोमीटिर के दायरे में कोई स्कूल नहीं है, जिसके साथ इनको मर्ज किया जा सके. ऐसे में इन स्कूलों के बच्चों का क्या होगा, ये भी सवाल है.

Next Story