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युवक ने सेना के जवानों के लिए बनाई ये साइलेंट पेट्रोलिंग मशीन

Gulabi Jagat
10 July 2022 12:28 PM GMT
युवक ने सेना के जवानों के लिए बनाई ये साइलेंट पेट्रोलिंग मशीन
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रेवाड़ी: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है रेवाड़ी के संजय ने. संजय ने अपने बुलंद हौसले और देश के प्रति समर्पण भाव को कुछ अनोखे तरीके से प्रदर्शित किया है. देश की रक्षा के लिए विपरीत परिस्थितियों में बॉर्डर पर तैनात रहने वाले जवानों के लिए रेवाड़ी के युवा संजय शर्मा ने साइलेंट पेट्रोलिंग मशीन (Silent Patrolling Machine) बनाई है. मशीन को डिजाइन करते वक्त सैनिकों की सुरक्षा, सैनिकों को होने वाली परेशानी और टेक्नोलॉजी को भी ध्यान में रखा गया है. हालांकि इस मशीन में अभी तकनीकी रुप से काफी कुछ जोड़ना बाकी है.
संजय शर्मा ने रिक्शा को मोडिफाई करके साइलेंट पट्रोलिंग मशीन का डेमो तैयार किया है. संजय शर्मा रेवाड़ी के तिहाड़ा गांव के रहने वाले (Tihara Village Rewari) हैं. संजय शर्मा की क्वालीफिकेशन की बात करें तो वह अभी जयपुर से एमबीए कर रहे हैं. संजय एक साधारण परिवार से सबंध रखते हैं. संजय के पिता निजी कंपनी में काम करते हैं. अपने इस अद्भुत कौशल के बारे में जानकारी देते हुए संजय शर्मा ने बताया कि सरहद पर देश की सुरक्षा करने वाले हमारे सैनिक विपरीत परिस्थितियों में तैनात रहते हैं, जिनके लिए कुछ करने का दायित्व हम सभी का होता है.
रेवाड़ी के संजय ने बनाई एक ऐसी मशीन जिससे सेना के जवानों को मिलेगी मदद
साइलेंट पट्रोलिंग मशीन क्या है?: साइलेंट पट्रोलिंग मशीन एक सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से संचालित की जाती है. जिसके लिए एक मोबाइल एप को डिजाइन किया गया है. साइलेंट पट्रोलिंग मशीन के अंदर बैठकर जवान आसानी से पेट्रोलिंग कर पायेंगे. साइलेंट पट्रोलिंग मशीन बुलेट प्रूफ होगी, जिसके अंदर गर्मी–सर्दी के मौसम को ध्यान में रखते हुए तामपान को सामान्य रखने के इंतजाम भी किये गए हैं. साथ ही जवान इस मशीन के अंदर बैठकर ही दुश्मन को टारगेट करके फायर कर पायेंगे. हेडक्वाटर से सीधा सम्पर्क करने के लिए एक डिवाइस मशीन में लगाई गई है. इस मशीन में खुफिया कैमरे और नाइटविजन कैमरे लगाये गए हैं.
मशीन के चार्जिंग के लिये सोलर पैनल लगाया गया है. मशीन ऑपरेट होने के साथ ही अपने आप ही चार्ज होने लगेगी. संजय शर्मा ने बताया कि फिलहाल ये मशीन देखने में सामान्य है. लेकिन जरुरत पड़ने पर कई क्षेत्रों में इसकी बॉडी मोडिफाई की जा सकेगी. संजय ने बताया कि मशीन किसी रडार सिस्टम में न आए और अपने आप ही रंग बदलने लगे, इस दिशा में भी काम चल रहा है. संजय ने बताया कि यही कारण है कि उन्होंने साइलेंट पेट्रोलिंग मशीन को डिजाइन किया है. साइलेंट पेट्रोलिंग मशीन की मदद से सुरक्षा के साथ-साथ हमारे जवान मौसम की मार से भी बच सकेंगे.
चोरी की घटना पर रोक लगाने की दिशा में किया काम : बता दें कि इससे पहले भी संजय शर्मा ने बाइक चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एक सॉफ्टवेयर बनाया था. इस सॉफ्टवेयर के जरिए संजय ने चोरी की घटनाओं पर ब्रेक लगाने की दिशा में काम किया. संजय ने कहा कि वह अभी और भी कई प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ना चाहते हैं. लेकिन आर्थिक मदद और कोई सहयोग न मिलने के कारण दिक्कत आ रही है. संजय शर्मा के इनोवेटिव थॉट्स की तारीफें हर जगह होने में लगी हैं.
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