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हरियाणा में 6600 सिपाहियों की नियुक्ति पर लटकी तलवार, हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर 29 जुलाई तक लगाई रोक

Renuka Sahu
16 July 2022 6:17 AM GMT
The sword hangs on the appointment of 6600 constables in Haryana, the High Court has banned the issuance of appointment letters till July 29
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फाइल फोटो 

हरियाणा पुलिस में पुरुष व महिला सिपाहियों के 6600 पदों पर चयनित आवेदकों की नियुक्ति पर तलवार लटक गई है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरियाणा पुलिस में पुरुष व महिला सिपाहियों के 6600 पदों पर चयनित आवेदकों की नियुक्ति पर तलवार लटक गई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक 29 जुलाई तक बढ़ा दी है। अब भर्ती परिणाम के सैंपल के निरीक्षण और नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूले की समीक्षा के बाद फैसला सुनाया जाएगा।

याचिका दाखिल करते हुए 41 आवेदकों ने हाईकोर्ट को बताया था कि सिपाही भर्ती में नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला अपनाने से अच्छे अंक लेने वाला भी अंतिम सूची से बाहर हो सकता है। पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) को आदेश दिया था कि बगैर नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला अपनाए हर शिफ्ट के 50 टॉपर में से मेरिट सूची तैयार की जाए।

इसके बाद फॉर्मूला लगाया जाए और देखा जाए कि 50 टॉपर सूची में जगह बना पाते हैं या नहीं। शुक्रवार को आयोग यह जानकारी देने में नाकाम रहा। इस पर हाईकोर्ट ने आयोग को फटकार लगाई और महिला सिपाही भर्ती की 10 अभ्यर्थियों के परिणाम के सैंपल सौंपने का आदेश दिया। इन सैंपलों के निरीक्षण के बाद फैसला सुनाया जाएगा।

इस दौरान याची पक्ष ने कहा कि यदि चयनित लोगों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए तो याचिका का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक 29 जुलाई तक बढ़ा दी है। कोर्ट ने कहा कि अब हमारे सामने यह सवाल है कि नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला अपनाना उचित है या नहीं।

शुरू से विवादों में रही भर्ती

13 दिसंबर 2020 को 5500 पुरुष सिपाही के पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें 8 लाख 39 हजार युवाओं ने आवेदन किया था। सिपाही पुरुष भर्ती का पेपर 7 अगस्त 2021 को लीक हो गया था। 30 अक्तूबर, एक और दो नवंबर 2021 को दोबारा लिखित परीक्षा हुई। परीक्षा में 3 लाख 89 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा कद के माप को लेकर भी काफी संख्या में युवा हाईकोर्ट पहुंचे थे।

अब यह है विवाद

पुरुष और महिला सिपाही भर्ती के परिणाम में नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला लगाने को चुनौती दी गई है। इसके जवाब में आयोग ने कोर्ट को बताया था कि भारतीय सांख्यिकी संस्थान, दिल्ली की सलाह पर यह फॉर्मला अपनाया है। इस पर भारतीय सांख्यिकी संस्थान ने कोर्ट को बताया था कि यह फॉर्मला तभी अपनाया जा सकता है जब लिखित परीक्षा के बाद फाइनल मेरिट सूची बनाई जाती है लेकिन इस भर्ती में लिखित परीक्षा के बाद सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले अकों के अलावा शारीरिक परीक्षा के अंक भी जुड़ने हैं।

यह है नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला

यदि कोई ऑनलाइन परीक्षा कई दिनों में होती है तो उसमें हर दिन अलग-अलग पेपर आता है। अलग-अलग शिफ्टों में पेपर आसान और कठिन होता है। इसी शिकायत को दूर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन परसेंटाइल फॉर्मूला शुरू किया गया। इस फॉर्मूले के तहत पेपर कितना कठिन था इसका स्तर तय किया जाता है। इसी आधार पर अंक निर्धारित कर दिए जाते हैं। मान लीजिए, परीक्षा के पहले दिन पेपर कठिन था तो अनुमान लगा लिया गया कि इस पेपर में यदि कोई 70 नंबर भी ले आया तो उसे 100 नंबर मान लिया जाएगा। दूसरे दिन पेपर बहुत सरल था तो इसका उलटा कर दिया जाएगा। 100 नंबर लाने वाले को 70 नंबर मान लिया जाएगा। अभ्यर्थी इसी फॉर्मूले का विरोध कर रहे हैं इसे हटाकर अंक के आधार पर परिणाम जारी करने की मांग कर रहे हैं

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